आश्रम में पसरा मौत का सन्नाटा– इंदौर के युगपुरुष धाम में पांच बच्चों की मौत, पांच अभी भी गंभीर

29 बच्चे आईसीयू में भर्ती, मुख्यमंत्री ने मंत्री सिलावट को हालात जानने विशेष रूप से भेजा,मंत्री विजयवर्गीय भी अस्पताल पहुंचे

इंदौर। शहर के पंचकुइया स्थित अनाथ आश्रम- युगपुरुष धाम में रह रहे मानसिक दिव्यांग बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इससे पिछले तीन दिनों में पांच बच्चों की मौत हो चुकी है और 29 बच्चे उपचार के लिए चाचा नेहरू अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराए गए हैं। इनमें से भी पांच बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है।

आरंभिक जांच में फूड पाइजनिंग की बात सामने आ रही है। लेकिन आश्रम प्रबंधन इससे इनकार कर रहा है। मंगलवार सुबह तीन बच्चों की मौत की सूचना मिलते ही कलेक्टर आशीष सिंह ने एडीएम राजेंद्र रघुवंशी को जांच के लिए आश्रम भेजा। मौत की लगातार घट रही घटना के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्री तुलसी सिलावट को इंदौर विशेष रूप से भेजा है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, संभागायुक्त दीपक सिंह ,कलेक्टर आशीष सिंह सहित कई जिम्मेदार आश्रम और अस्पताल पहुंच रहे हैं।
इंदौर के आश्रम में बच्चे दम तोड़ रहे थे और उसे क्षेत्र के मल्हारगंज एसडीएम ठहाके लगाते रहे। कलेक्टर ने वीडियो देख एसडीएम को हटा दिया।
दोपहर बाद जब एक और बच्चे की मौत हुई तो कलेक्टर ने एडीएम गौरव बेनल की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी, जो पूरे मामले की जांच करेगी। वहीं, शाम को एक और बच्ची की मौत हो जाने से किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है कि इसकी वजह क्या है।

मानसिक दिव्‍यांग बच्‍चों को रखा जाता है आश्रम में

बता दें कि मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति द्वारा पंचकुइया क्षेत्र स्थित युगपुरुष धाम में रखा जाता है। इस आश्रम में 204 से ज्यादा बच्चे रहते हैं। ये सभी मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और प्रदेश के अलग-अलग जिलों से यहां लाए गए हैं। रविवार 30 जून की रात आश्रम में रह रहे आठ वर्षीय शुभ को मिर्गी का दौरा पड़ा और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। अगले दिन सोमवार सुबह उल्टी-दस्त के चलते 12 वर्षीय करण ने भी दम तोड़ दिया।
सोमवार रात सात वर्षीय आकाश की भी मौत हो गई। एक के बाद एक तीन बच्चों की मौत के बाद नींद से जागे आश्रम प्रबंधन ने कलेक्टर के हस्तक्षेप पर मंगलवार सुबह पीड़ित बच्चों को शहर के चाचा नेहरू अस्पताल की आइसीयू में भर्ती कराना शुरू किया, लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले मंगलवार दोपहर आश्रम में पांच वर्षीय छोटे गोविंद की भी मौत हो गई।
इसके बाद आश्रम प्रबंधन ने सात अन्य बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। यहां मंगलवार देर शाम सात वर्षीय बच्ची दीया ने भी दम तोड़ दिया। बच्चों का उपचार कर रहे चिकित्सक भी यह सही-सही पता नहीं लगा पा रहे हैं कि इन बच्चों की हालत किस वजह से बिगड़ी।

उच्च स्तरीय जांच समिति गठित

कलेक्टर ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है। इसमें अपर कलेक्टर गौरव बेनल, संयुक्त संचालक महिला व बाल विकास डा. संध्या व्यास, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की अधीक्षक व शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. प्रीति मालपानी व वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. श्रीलेखा जोशी को शामिल किया गया है।