वारदात स्थल पर कैमरे में दिखाई दी थी बाइक बियाबानी के 2 बदमाशों ने लूटा था छात्रा का मोबाइल

उज्जैन। छात्रा का मोबाइल लूटकर भागे बाइक सवार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को उन्हे न्यायालय में पेश किया गया। बदमाशों की बाइक वारदात स्थल के आसपास कैमरे में कैद हो गई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने उनका सुराग तलाश निकाला।
माधवनगर थाना प्रभारी राकेश भारती ने बताया कि 10 दिन पहले कॉलेज छात्रा अपनी सहेली के साथ पैदल संजीवनी अस्पताल के सामने से गुजर रही थी, उसी दौरान बाइक पर सवार 2 बदमाशों ने उसका मोबाइल लूट लिया था।  छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज करने के बाद वारदात स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे गये। जिसमें बाइक से भागते बदमाश दिखाई दिये। उनके भागने का रूट ट्रेस किया गया और पहचान के प्रयास शुरू किये। बदमाश बियाबानी चौराहा कोतवाली थाना क्षेत्र के होना सामने आये। उनकी तलाश में एसआई सालगराम चौहान, पवन वास्कले, केवी सिंह, एएसआई संतोष राव और आरक्षक अमरनाथ की टीम को अलर्ट किया गया। दोनों बदमाशों को विक्रमनगर ब्रिज के नीचे से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से लूटा गया मोबाइल और वारदात में प्रयुक्त बाइक जप्त की गई है। शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
दोनों बदमाशों पर दर्ज है 21 प्रकरण
थाना प्रभारी भारती ने बताया कि बदमाश राकेश उर्फ जटालु पिता पवन प्रजापति 21 वर्ष और जय उर्फ शूटर पिता जगदीश प्रजापति आदतन अपराधी है। राकेश के खिलाफ चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट, मारपीट सहित 13 प्रकरण दर्ज  है। जय के खिलाफ 8 संगीन मामले दर्ज है। उसके खिलाफ पूर्व में 2 बार धारा 110 की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। बावजूद दोनों के अपराधिक गतिविधियां कम नहीं हो रही है।
लूट के आरोपी की जमानत निरस्त
सम्राटनगर में रहने वाला बदमाश शाकिब उर्फ चीना पिता असलम खान 21 वर्ष लूट की वारदात को अंजाम देता है। उसे पूर्व में जेल भेजा गया था। 7 नवम्बर 2022 को जेएमएफसी न्यायालय से उसे इस शर्त पर जमानत मिली थी कि लूट की वारदात को अंजाम नहीं देगा। लेकिन 7 जनवरी 2024 को उसने देवासगेट थाना क्षेत्र में पुन: लुट की वारदात की। पुलिस द्वारा उसकी जमानत निरस्त कराने का आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में प्रभारी उप संचालक अभियोजन राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया कि बदमाश की जमानत निरस्त करने के लिये सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी महेश चंद्रावत ने पैरवी की। बदमाश के अपराधों से न्यायालय को अवगत कराया गया। जिस पर फैसला देते हुए न्यायालय ने जमानत निरस्त का आदेश जारी करते हुए जेल भेजने के आदेश जारी कर दिये।