कैग ने मध्य प्रदेश सरकार को दी उधारी से बचने की सलाह

 

प्रदेश सरकार का बजट प्रबंधन खराब माना, विधानसभा में पेश की रिपोर्ट

भोपाल। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) प्रदेश सरकार के बजटीय प्रबंधन को खराब मानते हुए उस पर कई गंभीर प्रश्न उठाए हैं। कैग ने सरकार को राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पूंजीगत प्राप्तियों (उधारी) से बचने की सलाह देते हुए आगाह किया है और स्वयं के राजस्व में वृद्धि करने का सुझाव भी दिया है।
रिपोर्ट में कहा है कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए कि बजट अनुमानों और वास्तविक के बीच का अंतर कम किया जा सके। सीएजी यानी कैग ने इस बात पर गंभीर आपत्ति की है कि अवास्तविक प्रस्ताव, व्यय निगरानी तंत्र के ठीक से काम नहीं करने और योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक से नहीं होने के कारण बजट का संतुलन सही नहीं होता।
नतीजतन, कई विभाग तो व्यय ही नहीं कर पाते और कई विभागों के पास काम करने के लिए बजट ही नहीं रहता। शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्तुत की गई सीएजी की रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक बजट बनाने से लेकर व्यय की निगरानी और उपयोग को लेकर प्रश्न उठाए गए हैं।

मध्य प्रदेश पर पहले ही भारी कर्ज

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार पर पहले ही हजारों करोड़ों रुपए का भारी कर्ज है। सरकार पिछले कई सालों से बाजार तक से कर्ज उठा चुकी है। ऐसी स्थिति में अब यदि और उधार लिया गया तो भविष्य में आर्थिक तौर पर मुश्किल खड़ी हो सकती है।