अब आवास के लिए प्राधिकरण बदल सकता है अपनी पॉलिसी
प्राधिकरण में जटिल प्रक्रिया के चलते प्रॉपर्टी लेने के इच्छुक नहीं हैं लोग
इंदौर। आईडीए अपनी योजनाओं में भूखंडों को बेचने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके अलावा कई पुरानी बिल्डिंग ऐसी भी है जो खंडहर टाइप दिख रही है उनका भी कायाकल्प किया गया है। इस तरह से लगातार कई योजनाओं में फ्लैट भूखंड बेचे जा रहे हैं।
विकास प्राधिकरण के महत्वपूर्ण योजना 155 में इन दिनों बड़े पैमाने पर फ्लैट खंडहर होने की स्थिति में पहुंच गए हैं।
हालांकि बाद में इसका रंग रोगन किया गया और अब बेचने का प्रयास चल रहा है। दरअसल प्राधिकरण द्वारा बार-बार नीलामी की प्रक्रिया अपनाने के साथ ही कई काम करने के बावजूद फ्लैट लेने की इच्छुक कोई नहीं है। वहीं दूसरी और देखा जाए तो लगातार महंगे फ्लैट होने के कारण भी लोग लेने के इच्छुक नहीं है।
आवास के लिए प्राधिकरण अपनी पॉलिसी बदल सकता है। हालाकि एक तरफ से देखा जाए तो योजना का 155 के फ्लैट एक तरह से परेशानी बन गई है।
दरअसल संपत्ति लेने वालों को पहले 15 दिवस में 25 त्न राशि फिर 3 महीने में 25 त्न राशि और शेष 5 साल में राशि चुकाना पड़ती है जबकि अन्य कालोनियों में बैंकों से यह सुविधा 15 से 20 साल के लिए मिलती है इसलिए लोग भी लेने के इच्छुक नहीं है। इसके साथ ही बीते 6 से 7 वर्षों से लगातार योजना क्रमांक 155 के फ्लैटों एक बराबर नहीं करने से भी परेशानी हो रही है। वहीं विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में कई
आवासीय एवं व्यवसाय की योजना विकसित की जा चुकी है। योजना क्रमांक 140 योजना सहित अन्य थे लेकिन अभी की स्थिति में लोग लेने के इच्छुक नहीं है इसलिए परेशानी लगातार आ रही है।
इस मामले को लेकर भी कई बार विकास प्राधिकरण कार्यालय और बोर्ड बैठक में भी चर्चा हो चुकी है लेकिन फ्लैट खरीदने के साथ ही संपत्ति को लेकर काफी जटिल प्रक्रिया यहां होने से परेशानी बनी हुई है।
योजना के फ्लैट लेने के इच्छुक नहीं है और पहले ही यहां पर कई बार टेंडर भी जारी किए जा चुके हैं लेकिन कोई लेने की इच्छुक नहीं है और फ्लैट इसलिए नहीं बिक रहे हैं। गौरतलब है कि कई ऐसी योजनाएं है जहां पर फ्लैट आदि खाली हैं लेकिन आज भी खरीदने के लोगों द्वारा इच्छुक नहीं होने से परेशानी बनी हुई है। अब एक बार फिर से नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वैसे देखा जाए तो बीच में कई ऐसे भी नीलामी के लिए संपत्तियां बेचने की योजना बनाई थी परंतु इस योजना पर बराबर कोई अमल नहीं हुआ है और लोग खरीदने के भी इच्छुक नहीं है तो दूसरी और महंगे होने के कारण भी परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि एक बार फिर से शासन से भी मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
इनका कहना है —
योजना क्रमांक 155 का रंग रोगन किया गया पूरी तरह से उसका कायाकल्प हो गया है और लगातार नीलामी के माध्यम से फ्लैट मकान बेचे जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर खरीदार भी आ रहे हैं और कई फ्लैट बिक चुके हैं।
रामप्रकाश अहिरवार, सीईओ विकास प्राधिकरण