विदेशी जानवरों की तस्करी करने वाले बुलंदशहर के व्यापारी की अग्रिम जमानत खारिज

 

इंदौर । विदेशी जानवरों की तस्करी करने वाले बुलंदशहर के व्यापारी की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को विशेष न्यायालय ने खारिज कर दी। उसके तार जानवरों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) ने व्यापारी की दुकान से दस प्रजातियों के 40 जानवरों को मुक्त

टीम ने उत्तर प्रदेश में व्यापारी के कई ठिकानों पर दबिश भी दी। वैसे कोई पुख्ता जानकारी वन अफसरों को नहीं मिली है। वहीं हैदराबाद का एक व्यापरी भी फरार है। 25 मई को एसटीएसएफ ने देवास निवासी सुमित मित्रा को गिरफ्तार किया था। उसके पास इगुआना और एंपरर स्कार्पियन मिले थे।
परिवेश पोर्टल पर सुमित्र ने जानवरों से जुड़े दस्तावेज अपलोड किए। उस पर एसटीएसएफ को शंका हुई और जांच शुरू कर दी। इगुआना और एंपरर स्कार्पियन खरीदने के बारे में पूछा गया तो दिल्ली निवासी कार्तिक से खरीदना बताया। पूछताछ में कार्तिक ने बुलंदशहर के उत्कर्ष अग्रवाल को लेकर जानकारी दी।

दबिश के दौरान मिले थे 40 से ज्यादा जानवर

एसटीएसएफ भोपाल और इंदौर की टीम बनाई गई, जो बुलंदशहर में नौ जून को कार्रवाई करने पहुंचे, मगर अग्रवाल वहां से पहले ही फरार हो चुका था। तुरंत दुकान और घर की तलाशी ली गई। जहां नौकर दीपक ने जानवरों को रखने के बारे में बताया। वहां से विदेशी तोते, घड़ियाल, मछली, छिपकली, सांप, बिच्छू सहित 40 जानवर मिले, लेकिन उत्तर प्रदेश वन विभाग ने इन्हें मध्य प्रदेश में लाने की अनुमति नहीं दी।
कुछ दिन बाद अग्रवाल बुलंदशहर वन विभाग के समक्ष प्रस्तुत हुआ और दस्तावेज बताए। इस बीच उसने अग्रिम जमानत याचिका इंदौर विशेष न्यायालय में लगा दी। सोमवार को सुनवाई के दौरान अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि संगठित तरीके अवैध व्यापार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में अग्रिम जमानत का लाभ देने से समाज में गलत संदेश पहुंचेगा।

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