सोनीपत के श्रद्धालुओं से मांगे थे रूपये हिरासत में भास्मारती  के नाम पर 5600 की ठगी करने वाला

उज्जैन। बाबा महाकाल के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं से भस्मारती के नाम पर 56 सौ रूपयों की ठगी करने के मामले में प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने फूल-प्रसादी बेचने वाले के साथ उसके साथी को हिरासत में ले लिया है। होमगार्ड सैनिक को आरोपी बनाया गया है। जल्द उसे भी हिरासत में ले लिया जाएगा। महकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत से आई रितिका और उसके परिजनों ने महाकाल मंदिर समिति को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके साथ भस्मारती के नाम पर 56 सौ रूपये की ठगी की गई है। मंदिर समिति की जांच में दर्शन के नाम पर ठगी होना सामने आते ही मंदिर समिति कर्मचारी दिनेश शर्मा ने मामले में थाने आकर धारा 318(4) बीएनएस में प्रकरण दर्ज कराया। ठगी करने वाले राज उर्फ राजकुमार पिता शंकरलाल परमार 38 वर्ष निवासी गणेश कालोनी को हिरासत में लिया गया। जो फूल प्रसादी बेचने का काम करता है। पूछताछ में उसने अपने साथी कमलेश पिता चंदूमल चांदमल निवासी सिंधी कालोनी और मंदिर के गेट नंबर 1 पर तैनात सैनिक आशीष चौहान के नाम बताये। मामले में दोनों को आरोपी बनाते हुए कमलेश को भी हिरासत में ले लिया गया है। दोनों से पूछताछ जारी है। वहीं जल्द सैनिक को भी गिरफ्तार किया जाएगा। रूपये लेने के बाद मांग रहा था 3 हजार सोनीपत से आये श्रद्धालुओं ने बताया था कि राज ने उनसे दर्शन करने के नाम पर 26 सौ रूपये लिये थे। दर्शन होने के बाद भस्मारती में प्रवेश दिलाने के नाम पर 3 हजार रूपये लिये। वह भी दिये, लेकिन उसके बाद फिर से 3 हजार की मांग करने लगा। जब इतने पैसे मांगने पर मंदिर से जुड़े लोगों से पूछताछ की गई तो उन्होने बताया कि भस्मारती की बुकिंग मात्र 200 रूपये में होती है। अपने साथ हजारों की ठगी होने पर उन्होने मामले की शिकायत मंदिर प्रबंध समिति से की। राजकुमार सोमवार को ही पकड़ा गया था। ठगी करने के लिये बनाई चेन हिरासत में आये राज उर्फ राजकुमार से पूछताछ में खुलासा हुआ कि श्रद्धालुओं का दर्शन करने के नाम पर ठगने के लिये उसने पूरी चैन तैयार कर रखी थी। उसने श्रद्धालुओं को दर्शन का झांसा देकर बातों में फंसाया था। उनसे आधार कार्ड लेकर साथी कमलेश को दिये। कमलेश ने गेट नंबर 1 पर तैनात सैनिक आशीष को वाट्सएप पर भेजे। जिसके बाद श्रद्धालुओं को नियम विरूद्ध भस्मारती के दर्शन कराये गये। पुजारी की भूमिका नहीं आई सामने महाकाल थाना प्रभारी वर्मा ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद जांच में पुजारी के नाम का पता चला था, जिसके बारे में पता करने पर सामने आया कि उसे सिर्फ श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना कराने के लिये कहा गया था। उसने पूजा कराई।  जांच में पुजारी द्वारा पैसे लेने की पुष्टि नहीं हो पाई है।