गिफ्ट टैक्स मामले में ट्रेजर आइलैंड मॉल के एमडी पर धोखाधड़ी का केस

 

हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

इंदौर। ट्रेजर आइलैंड के एमडी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज होगा। हाई कोर्ट ने जिला न्यायालय के उस आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया जिसमें पुलिस को एमडी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के लिए कहा गया था।
हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रेजर आइलैंड ने अपनी स्कीम असली हैप्पी वाला सेल में जो शर्तें लिखी थीं, उनमें साफ कहा था कि अगर ग्राहक को किसी उपहार पर उपहार कर देना पड़ा तो उसे उसकी रसीद दी जाएगी। ट्रेजर आइलैंड ने उपहार कर तो वसूला लेकिन रसीद नहीं दी। यह धोखाधड़ी है।

जिला न्यायालय पहले ही इस मामले में ट्रेजर आइलैंड प्रबंध निदेशक का गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका है। ट्रेजर आइलैंड ने असली हैप्पी वाला सेल स्कीम लागू की थी। इसके तहत एक निश्चित रकम की खरीदारी करने पर ग्राहक को उपहार कूपन दिए जा रहे थे। शेखर एनक्लेव निवासी शिक्षक रविंद्र बापट ने ट्रैजर आइलैंड से 20 दिसंबर 2018 से 31 जनवरी 2019 के बीच तीन हजार से ज्यादा की खरीदारी की। इस पर ट्रेजर आइलैंड ने उन्हें एक उपहार कूपन दिया। तीन फरवरी 2019 को उन्हें ट्रेजर आइलैंड प्रबंधन ने टेलीफोन पर बताया कि आपको उपहार में कार खुली है। बापट कार लेने शोरूम पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उन्हें 254280 रुपये टैक्स के रूप में देना होंगे। इसमें से 98880 रुपये उपहार कर के रूप में शामिल हैं।

कार तो दे दी पर कर की रसीद नहीं दी

बापट ने उक्त राशि देकर कार ले ली। जब उन्होंने उपहार कर की रसीद मांगी तो उन्हें नहीं दी गई।