श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में वीआईपी को प्रवेश, बाकी को नहीं, देशभर के श्रद्धालु हो रहे निराश, बोले-गर्भगृह खोलें

 

कलेक्टर ने कहा-फिलहाल बंद रहेगा

दूर-दूर से शिवलिंग को स्पर्श करने और अभिषेक की इच्छा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को होना पड़ता है निराश

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

उज्जैन में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पिछले एक साल से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है, लेकिन वीआईपी को एंट्री मिल रही है। ऐसे में दूर-दूर से शिवलिंग को स्पर्श करने और अभिषेक की इच्छा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ता है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि गर्भगृह को जल्द खोला जाए, जिससे भगवान के दर्शन करीब से कर सकें। इधर, कलेक्टर और महाकाल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह के मुताबिक फिलहाल वर्तमान व्यवस्था ही लागू रहेगी।

 

दरअसल, 4 जुलाई 2023 को श्रावण महीने में आने वाली भीड़ की देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। उस दौरान मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अब एक साल बीत जाने के बाद भी गर्भगृह खुलना तो दूर मंदिर प्रबंध समिति में इस पर चर्चा तक नहीं हुई।

महाकाल लोक बनने से पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक बनने के बाद भक्तों की संख्या में चार गुनी वृद्धि हो गई। यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख हो गई।

 

गर्भगृह में प्रवेश बंद करने का एक कारण ये भी
मंदिर के शिवलिंग क्षरण को लेकर लगी याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंदिर समिति से क्षरण रोकने के लिए सुझाव मांगे थे। एक सुझाव यह भी था कि गर्भगृह में श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जाए। इसके बाद मंदिर समिति ने दोपहर 12 से 5 बजे तक ही गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी। कई बार जिओलॉजिकल सर्वे आॅफ इंडिया ने जांच की। रिपोर्ट कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों और कोर्ट को सौंपी थी। इसके बाद समिति ने तय किया कि गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर किया जाएगा।

 

पहले और वर्तमान में व्यवस्था
मंदिर के महेश पुजारी के मुताबिक, 4 जुलाई 2023 से पहले 1500 रुपए की रसीद काटकर गर्भगृह में अभिषेक-पूजन करने दिया जाता था। वर्तमान में गणेश मंडपम् और नंदी हॉल से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की बाबा को स्पर्श कर अभिषेक की इच्छा मन में ही रह जाती है। गर्भगृह खुलने से भक्तों को बाबा को स्पर्श करने, जल चढ़ाने और पंचामृत अभिषेक पूजन का मौका मिल जाएगा।
श्रद्धालु बोले- जल्द खुलना चाहिए गर्भगृह
न्यूजर्सी से उज्जैन आईं प्रियंका शर्मा ने बताया कि दर्शन के लिए आए थे, लेकिन यहां पता चला कि गर्भगृह बंद है। भक्तों के लिए जल्द इसे खोलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश के लखनऊ से आए विनय शर्मा ने कहा, ह्यहर साल दर्शनों के लिए आता हूं, लेकिन एक साल से गर्भगृह के अंदर से दर्शन नहीं मिलने से लगता है कि मंदिर में भक्ति अधूरी रह गई। मंदिर समिति से अनुरोध है कि जल्द गर्भगृह खुलना चाहिए।

 

पुजारी की भी मांग- गर्भगृह से मिलें दर्शन
महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि पहले 1500 रुपए की रसीद कटाकर लोगों को प्रवेश मिल रहा था। चूंकि भीड़ अधिक है। शुल्क लगाकर दर्शन कराना उचित था। अब देश का भक्त चाहता है कि महाकाल का गर्भगृह खुले। श्रद्धालुओं को एक लोटा जल चढ़ाने का मौका मिलने चाहिए। सावन के बाद गर्भगृह के दर्शन पुन: प्रारंभ करने का काम करना चाहिए।

 

एक घंटे में 200 लोग कर सकते हैं दर्शन
गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश के दौरान एक घंटे में करीब 200 लोग दर्शन कर सकते हैं। दिन भर में 10 घंटे प्रवेश दिया, तो दो हजार लोग ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे। वर्तमान में मंदिर में रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में मंदिर समिति के सामने इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन कराना बड़ी चुनौती होगी।