अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर कमलनाथ समर्थको की नींद उड़ी

 

परिणाम आते ही कांग्रेस में कई समीकरण बदलेंगे

 

इंदौर। मरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में उत्सुकता है। यहां 10 जुलाई को मतदान संपन्न हुआ जबकि 13 जुलाई को चुनाव परिणाम घोषित होंगे। किस विधानसभा के चुनाव परिणाम को लेकर कमलनाथ समर्थक खासतौर पर बेचैन हैं।
यदि कांग्रेस का अमरवाड़ा में हारी तो कमलनाथ की राजनीति पर असर पड़ने वाला है। जाहिर है इसी वजह से कमलनाथ के समर्थक बेचैन हैं। इंदौर उज्जैन संभाग में भी कमलनाथ खेमे का मजबूत अस्तित्व है।
जाहिर है इन सभी का राजनीतिक भविष्य अमरवाड़ा चुनाव के परिणामों पर निर्भर है। मालवा और निमाड़ अंचल में इस समय रवि जोशी, सज्जन सिंह वर्मा, विजयालक्ष्मी साधो, झूमा सोलंकी, राज नारायण सिंह, दीपक जोशी जैसे नेता कमलनाथ के समर्थक माने जाते हैं।
कांग्रेस की पराजय की स्थिति में इन सभी के राजनीतिक भविष्य पर असर पड़ेगा। दरअसल, कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद अमरवाड़ा सीट पर हो रहा उपचुनाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इसके परिणाम से यह तय हो जाएगा कि छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस वापसी करेगी या फिर करारा झटका लगेगा।
पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की सभी 7 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी नकुल नाथ को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से लेकर पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने न केवल उपचुनाव में प्रचार किया बल्कि आदिवासी विधायकों को क्षेत्रवार तैनात भी किया गया। यहां सिर्फ एक बार जीती है।
भाजपा परिसीमन के बाद हुए 4 चुनावों में भाजपा 2008 में एक बार चुनाव जीती। तब कांग्रेस छोड़कर आए प्रेम नारायण ठाकुर को शच्छुक्कने बनाया था प्रत्याशी। उसके बाद से हुए तीन चुनावों में कांग्रेस के कमलेश शाह लगातार जीतते रहे। लोकसभा चुनाव के समय वे विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए।
इसका नुकसान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ा और वह अपनी इस परंपरागत सीट पर भी चुनाव हार गई। उपचुनाव में भाजपा ने कमलेश शाह पर ही दांव लगाया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया। वहीं, कांग्रेस ने भी पूरी दम लगाई। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रचार के अंतिम दिनों में मोर्चा संभाला तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह पहुंचे।

कांग्रेस का मान सामान दांव पर —

अमरवाड़ा में आदिवासी विधायकों को अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया था। यह चुनाव कमल नाथ के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इसके परिणाम यदि पार्टी के अनुकूल रहते हैं तो फिर यह माना जाएगा कि क्षेत्र में उनकी पकड़ है। यही कारण है कि प्रत्याशी चयन से लेकर मैदानी जमावट उनकी सहमति से ही की गई थी।