विवि में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, कुलगुरु ने बदले 16 विभागाध्यक्ष

🔳अध्यादेश 23 के तहत आदेश जारी
🔳आईईटी में पति को हटाकर पत्नी को दी जिम्मेदारी

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु अपने कार्यकाल में अजीबो-गरीब निर्णय ले रही हैं। इसका नमूना देखिए कि आआईपीएस में अच्छे भले विभागाध्यक्ष को हटाकर उनकी ही टीम के एक प्राध्यापक को जिम्मेदारी दे दी है। ऐसे ही हंगामेदार आईईटी के निदेशक की जिम्मेदारी अब पत्नी संभालेंगी, जबकि पहले पति डॉ. संजीव टोकेकर इसे निभा रहे थे। कुलगुरु ने अन्य जूनियर प्राध्यापकों को भी विभागाध्यक्ष बनाकर खुद की पीठ थपथपाई है, पर संभावना है कि जल्दी ही इस अदला-बदली का परिणाम दिखाई देगा।

विवि से मिली जानकारी के अनुसार आआईपीएस का दायित्य अब डॉ. यामिनी करमरकर को सौंपा गया है। पहले यहां की जिम्मेदारी डॉ. बी.के. त्रिपाठी के पास थी। गौरतलब है क़ि, इस पद को लेकर पहले मामला कोर्ट में भी पहुंचा था। उसके बाद से डॉ. त्रिपाठी के नेतृत्व में डॉ. करमरकर सहित पूरी टीम अच्छा काम कर रही थी। इसी तरह आईएमएस की जिम्मेदारी संगीता जैन से लेकर डॉ. दीपक श्रीवास्तव को देना भी आश्चर्यजनक है,जबकि इनकाकाम बेहतर तरीके से चल रहा था। कुल मिलाकर कुलगुरु ने अपने मन की करते हुए 16 विभाग में बदलाव किया है। इसमें भौतिक शास्त्र विभाग में डॉ. गणेश्वर मिश्रा, सांख्यिकी विभाग में वन्दित हेडाउ, शिक्षा अध्ययनशाला में डॉ. सुधीरा चंदेल, वाणिज्य अध्ययनशाला में डॉ. सुरेश पाटीदार, जीवन विज्ञान अध्ययनशाला में डॉ. अंजना जाजू, गणित अध्ययनशाला में भौतिक अध्ययनशाला से डॉ. आशुतोष मिश्रा को लाया गया है। ऐसे ही कम्प्यूटर अध्ययनशाला, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं पर्यावरण अध्ययनशाला में भी बदलाव हुआ है। विशेष रूप से आईईटी में बदलाव चौंकाने वाला है, क्योंकि दोनों ही पति-पत्नी का कामकाज अच्छा नहीं है। इसके बावजूद प्रो. संजीव टोकेकर को की पत्नी डॉ. वृंदा टोकेकर को यहा जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि मुख्य द्वार के पास अमूल पार्लर के अवैध निर्माण को लेकर यहाँ पहले ही बवाल मचा हुआ है। कुलगुरु ने समाज अध्ययनशाला, फार्मेसी अध्ययनशाला, दीनदयाल उपाध्याय कौशल कला केंद्र और ग्रंथालय प्रभारी में भी बदलाव कर दिया है।
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