क्षिप्रा के घाटो की सफाई करने पहुंचा निगम का अमला

उज्जैन। क्षिप्रा नदी में आये उफान के बाद बुधवार को जलस्तर कम होने के बाद नगर निगम कर्मचारियों ने घाटो की सफाई व्यवस्था का काम संभाल लिया। मंदिरों को पानी से धोया गया। दोपहर बाद छोटी रपट पर आवागमन भी शुरू हो गया था। देवास-इंदौर में हुई बारिश के बाद मंगलवार को क्षिप्रा नदी में उफान आ गया था। रामघाट-दत्तअखाड़ा घाट पर बने मंदिर पानी में डूब गये थे। क्षिप्रा की छोटी रपट पर 6 फीट से ऊपर पानी आने के बाद आवागमन रोक दिया गया था। मंगलवार देर शाम तक क्षिप्रा का जलस्तर बढ़ा हुआ था। रात में पानी कम होना शुरू हुआ और बुधवार सुबह तक क्षिप्रा शांत स्वरूप में आ गई। घाटो पर मिट्टी, गाद और गंदगी जमा हो गई थी। नगर निगम का अमला सफाई व्यवस्था के लिये पहुंचा। फायर फायटर से घाटो की धुलाई की गई। मंदिरों को धोया गया। उसके बाद श्रद्धालुओं को नहान के लिये प्रवेश दिया गया। पैर फिसलने गहराई में गई महिला बुधवार सुबह क्षिप्रा का जलस्तर कम होने के बाद घाटो पर फिसलन वाली मिट्टी जमी हुई थी। इसी बीच परिवार के साथ छतरपुर से नहान करने आई महिला संगीता पति कृष्णकुमार सेन 32 वर्ष पैर फिसलने से क्षिप्रा की गहराई में चली गई। उसे डूबता देख एसडीईआरएफ का जवान महेश सोलंकी ने तत्काल नदी में छलांग लगाई और महिला को बचाकर बाहर निकाला।