ना डंडे दिखाई दिये, ना ही हुआ विवाद दोपहर 12 बजे कर्बला मैदान पहुंचा मोहर्रम का जुलूस

उज्जैन। हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मुस्लिम समुदाय ने मंगलवार-बुधवार रात मोहर्रम का जुलूस निकाला। रात में गीता कालोनी और निकास चौराहा से शुरू हुआ जुलूस बुधवार दोपहर 12 बजे कर्बला मैदान केडी गेट पहुंचा। मोहर्रम पर्व का महिना 8 जुलाई से शुरू हुआ था। इस माह को इस्लामिक कैलेंडर का पहला माह माना जाता है। मोहर्रम पर्व में मुस्लिम समाज के हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। जिसकी याद में समाजजन मातम करते हुए जुलूस निकालते है। जिसमें गीता कालोनी से निकलने वाले बड़े साहब और निकास चौराहा से छोटे साहब का घोड़ा समाज की आस्था का बड़ा स्वरूप होता है। जूलूस में ताजिये, दुलदुल और बुर्राक भी शामिल होती है। जुलूस की शुरूआत मंलगवार रात 11 बजे शुरू हो गई थी। मुस्लिम बाहुलिय क्षेत्रों से ताजिये, दुलदुल निकलना शुरू हो गये थे। अपने इमाम हुसैन की याद में समाजजन मातम कर कर रहे थे। जूलूस में सभी को बड़े साहब और छोटे साहब के उठने का इंतजार था। जो बुधवार सुबह 4 बजे समाप्त हुआ। जैसे ही बड़े साहब और छोटे साहब का घोड़ा अपने स्थान से जुलूस में शामिल हुआ मुस्लिम समाज उठाने के लिये दौड़ पड़ा। निकास चौराहा से शुरू हुआ जुलूस, कंठाल, नई सड़क, फव्वारा चौक, दौलतगंज, तोपखाना, महाकाल घाटी, गुदरी, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर होता हुआ केडी गेट कर्बला मैदान दोपहर 12 बजे पहुंचा। जहां इमाम हुसैन की शहादत में मातम किया गया।
दूरबीन से नजर, लाठी-डंडो पर प्रतिबंध
इस बार मोहर्रम जुलूस को लेकर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद दिखाई दिया। मंगलवार रात 8 बजे से जुलूस मार्ग की व्यवस्था संभाल ली गई थी। ऊंची बिल्डिंगो से पुलिस दूरबीन की मदद से नजर रख रही थी। प्रशासन ने पहले ही जुलूस के दौरान हथियार, डंडे लहराने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके चलते जुलूस में कुछ दिखाई नहीं दिया, ना ही कोई बड़ा विवाद हुआ। कुछ जगह युवक आपस में झगड़े, लेकिन पुलिस ने मामला उसी जगह समाप्त करा दिया। पिछले वर्ष तक जुलूस के दौरान कई लोगों के घायल होने के साथ ही जुलूस मार्ग पर बनी दुकानों में तोड़फोड़ की खबरे आती रही थी। इस बार बिना विवाद के मोहर्रम का जुलूस निकाला गया।