इंदौर में 500 रुपए मुआवजा शुल्क लेकर खुद नगर निगम ही कटवा रहा हरे भरे पेड़

 

इंदौर कलेक्टर और नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस

इंदौर। पेड़ों की अवैध कटाई पर इंदौर कलेक्टर और नगर निगम को हाईकोर्ट ने नोटिस दिया है। 500 रुपए का मुआवजा शुल्क लेकर खुद नगर निगम ही पेड़ कटवा रहा है। समाज सेवी डॉ.अमन शर्मा द्वारा उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष जनहित याचिका प्रस्तुत की गई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अभिभाषक अभिनव धनोड़कर ने की। मध्यप्रदेश सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इसमें नोटिस दिया गया है। सभी से चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। अगली सुनवाई 20 अगस्त 2024 को होगी।

मल्हार आश्रम और एमओजी लाइन का विवरण

अभिभाषक धनोड़कर ने बताया कि मल्हार आश्रम और एमओजी लाइन समेत शहर में कई जगह अवैध कटाई के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दायर याचिका में एमओजी लाइन और मल्हारगंज आश्रम में हुई पेड़ कटाई को लेकर संपूर्ण विवरण दिया गया है। याचिका में पेड़ों की कटाई की अनुमति को लेकर एक समिति बनाने का भी उच्च न्यायालय से आग्रह किया गया है।
इसी के चलते मध्यप्रदेश वृक्ष परिरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 4 एवं 6 के माध्यम से चुनौती दी गई। इसमें याचिकाकर्ता के द्वारा यह बताया गया कि अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत नगर निगम के आयुक्त ही वृक्ष अधिकारी के रूप नियुक्त किए गए है। इंदौर शहर के विकास कार्य भी नगर निगम द्वारा ही किया जा रहा है। वृक्ष अधिकारी बिना सोचे समझे विकास कार्य की ओर अग्रसर होकर वर्षों पुराने/प्राचीन और बड़े पेड़ों को धड़ल्ले से काटने का कार्य कर रहे हैं।

500 रुपए मुआवजा शुल्क लेकर
पेड़ों की कटाई गलत

याचिकाकर्ता द्वारा अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत वर्णित प्रक्रिया को भी याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। धारा 6 के अतिरिक्त भी एक और प्रक्रिया को अपना लिया गया है, जिसमें निरीक्षक नामक एक पद पर नियुक्ति दी गई है और पेड़ों की कटाई को लेकर 100 रुपए आवेदन शुल्क और 500 रुपए का मुआवजा शुल्क भी प्रक्रिया में शामिल कर दिया गया है जो पूर्णत: विधि के विपरीत है।