घाटे में चल रही बीएसएनएल को संजीवनी……. इंदौर संभाग में लगेंगे 326 टॉवर

इंदौर। जुलाई से निजी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ प्लान बढ़ा दिए है। इससे घाटे में चल रही बीएसएनएल को संजीवनी मिल गई है। बीते 25 दिनों के भीतर सरकारी दूरसंचार कंपनी पर प्रदेशभर के एक लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने भरोसा जताया है और उन्होंने अपनी सिम को पोर्ट करवाया है। अब कंपनी इनके लिए बेहतर सुविधा देने में लगा है। नेटवर्क फैलाने पर काम शुरू हो चुका है।

इंदौर संभाग में 326 टावर लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि बीएसएनएल ने उन क्षेत्रों में टॉवर लगाने की योजना बनाई है, जहां पर अभी तक निजी कंपनियां नहीं पहुंची है। कुलथाना, उमठ, रतकुड़िया, मेड, बाइग्राम सहित जंगल में कई स्थानों पर टावर लगाएंगे। 721 टॉवर से ढ़ाई लाख मोबाइल उपभोक्ताओं को सेवा मिल रही है। अब 4जी सेवा को लेकर तेजी से विस्तार किया जा रहा है। बीएसएनएल इन दिनों इंदौर, खंडवा, खरगोन में 326 टावर लगाएंगा। यह काम सितंबर तक पूरा किया जाना है। अधिकारियों के मुताबिक, 4जी वाले नए टॉवर में 5जी में भी तब्दील हो सकते है। टॉवर लगाने के 6 महीने बाद उपभोक्ताओं को इनसे 5जी सेवा मिलेगी। टॉवर में लगे उपकरण स्वदेशी तकनीक पर तैयार हुए है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इन टावरों की क्षमता भी अधिक है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को बेहतर नेटवर्क और इंटरनेट मिल सगेगा। 4जी सेवा का विस्तार करने के साथ ही बीएसएनएल ग्राम पंचायतों को जोड़ रहा है। इंदौर संभाग की 1000 पंचायत कार्यालय में हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं देने की तैयारी है। इसके माध्यम से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना और आवेदन करने की सुविधा देना है। आंगनवाड़ी को भी जोड़ा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक प्रदेशभर में 23 हजार ग्राम पंचायत है। अभी तक 18 हजार को हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचा दिया है। 2016 के बाद बीएसएनएल ने चाइना में बने उपकरण लगाना बंद कर दिया है। अब स्वदेशी उपकरण लगाए जा रहे है। टॉवरों का तकनीकी रखरखाव की जिम्मेदारी टीसीएस और सी डॉट काम कंपनी ने संभाली है। वहीं 4जी सेवा से जुड़े उपकरण बना रहा है। वैसे प्रदेश में साढ़े 4000 से अधिक टॉवर हैं। कंपनी ने 1.5 हजार और नए 4जी टॉवर लगेंगे। पुराने टावरों को टीसीएस की अपग्रेड करने में लग है। टावर का मेंटेनेंस के अलावा नेटवर्क भी टीसीएस संभाल रही है।