15दिनों से लोग लगाना पड़ रहे चक्कर चरक भवन में नहीं बन पा रहे जन्म प्रमाणपत्र

दैनिक अवंतिका
उज्जैन। मुख्यमंत्री के गृहनगर में शासकीय चरक भवन की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है। अब जन्म प्रमाण पत्र के लिये लोगों को चक्कर लगाना पड़ रहे है। पिछले 15 दिनों में 2 हजार से अधिक प्रमाण पत्र पेडिंग हो चुके है। जबकि प्रसूति की तीसरी दिन छुट्टी होने पर शिशु का जन्म प्रमाण पत्र देने का प्रावधान है।
वर्ष 2016 में करोड़ो की लागत से शासकीय चरक भवन का निर्माण किया गया था। 6 मंजिला भवन को गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिये संचालित किया जा रहा है। यहां जिले भर से आने वाली गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी होती है। स्वास्थ्य विभाग ने यहां बेहतर सुविधा के इंतजाम किये है, लेकिन चरक भवन की शुरूआत होने के बाद से ही अव्यवस्थाओं की खबरे लगातार सामने आ रही है। अब चरक भवन में जन्म प्रमाण-पत्र मुसीबत बना हुआ है। पिछले 15 दिनों से यहां जन्म लेने वाले शिशुओं के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो गर्भवती की नार्मल डिलेवरी होने के तीसरी दिन और आॅपरेशन से होने वाली डिलेवरी के पांचवे दिन शिशु का जन्म प्रमाण पत्र देने का प्रावधान है। लेकिन ग्रामीण से लेकर शहरी लोगों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये चक्कर लगाना पड़ रहे है। प्रतिदिन 20 से 20 डिलेवरी हो रही है और इतनी ही प्रसूताओं का डिस्चार्ज किया जा रहा है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिये जा रहे है। जन्म लेने वाले शिशुओं के प्रमाण पत्र बनाने का काम करने वाले अभिजीत सिसौदिया का कहना है कि चरक भवन ही नहीं पूरे प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। जिसकी वजह नया साफ्टवेयर है। जो पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है। चरक में जन्म लेने वाले शिशुओं के साथ पूर्व में जन्म प्रमाण पत्र नहीं लेने वाले भी स्कूल खुलने पर प्रमाण पत्र लेने आ रहे है, जिसके चलते काम का लोड़ भी बढ़ गया है। जिस दिन भी साफ्टवेयर ने पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर दिया, सभी पेडिंग जन्म प्रमाण पत्र को तुरंत संबंधित लोगों को सौंप दिया जायेगा। लेकिन लोगों का कहना है कि उन्हे रोज कहा जा रहा है कि आज आना कल आना। वह चक्कर लगाकर परेशान हो चुके है।
चरक में शिफ्ट होगा जिला अस्पताल
चरक भवन की व्यवस्थाओं में पहले ही सुधार नहीं हो पा रहा है। अब यहां संभाग का सबसे बड़ा 700 बिस्तरों वाला जिला अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। जिला अस्पताल परिसर में मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है। जिसके चलते अस्पताल प्रशासन से चरक भवन में शिफ्ट करने के निर्देश जारी किये है। चरक भवन में जिला अस्पताल से इमरजेंसी विभाग,आरएमओ कार्यालय, नर्सिग अधीक्षक कार्यालय, सर्जरी विभाग, बर्न यूनिट, हड्डी एंव ट्रामा, ईएनटी, मेडिसीन विभाग, आईसीयू, एक्स-रे विभाग, भोजनशाला, पोस्टमार्टम रूम, इंफेक्शन वार्ड, जेल वार्ड के साथ रिकार्ड शाखा शिफ्ट होगी। लेकिन 6 मंजिला चरक भवन में पहले से साढे तीन सौ बेड मदर एंड चाइल्ड के लिये आरक्षित है, जिसमें बच्चों की एनआईसीयू भी शामिल है। चरक में 50 बेड़ आंखों के मरीजों के लिये मौजूद है। वर्तमान में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर वार्ड और अन्य कक्ष संचालित हो रहे है। वहीं पांचवी मंजिल पर स्वास्थ्य अधिकारियों के कक्ष बने हुए है। ऐसे में चरक की डेढ़ से 2 मंजिल ही खाली है। जिसमें जिला अस्पताल की 15 यूनिट शिफ्ट होना मुश्किल लग रही है। चरक की समस्या आने वाले दिनों में कम होने के चलते बढ़ती दिखाई दे रही है।