इस बार आठ हजार करोड़ का होगा नगर निगम इंदौर का बजट 

 

इंदौर।  महापौर परिषद  की बैठक में 2024-25 के बजट अनुमानों की अनुशंसा की गई।  30 जुलाई को Z को नगर निगम अपना सालाना बजट पेश करेगा। गत वर्ष साढ़े 7 हजार करोड़ का बजट था, तो इस बार 8 हजार करोड़  पार होने की उम्मीद है।
हालांकि चालू वित्त वर्ष के चार महीने खत्म होने भी आए हैं और शेष 8 माह के लिए बजट आएगा। वैसे तो पिछले बजट के ही अधिकांश दावे धराशायी हो गए, क्योंकि निगम की माली हालत अत्यंत खस्ता है। जो कार्य चल रहे हैं वे भी बार-बार बंद हो जाते हैं। शासन निकायों की माली हालत बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके चलते नर्मदा  के साथ कचरा संग्रहण शुल्क की राशि भी इंदौरी नागरिकों को महंगी पड़ेगी, जिनका शुल्क बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सम्पत्ति कर में तो निगम हर साल ही रेट झोन बदलकर परिवर्तन करता ही रहा है और पिछले 10 सालों में ही शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सम्पत्ति कर दो गुना तक हो गया है। बजट में डिजिटल सिटी, निगम का पोर्टल बनाने के लिए विशेष प्रावधान किया है। दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन पर फोकस रहेगा। नगर निगम ने संपत्तिकर, जलकर और कचरा संग्रहण शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
अब इन दरों में 15 साल बाद बदलाव होने जा रहा है। जलकर की वर्तमान दर 200 रुपए को बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिमाह किया जाएगा, जबकि संपत्ति कर में 2 रुपए प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की जा रही है। वहीं कचरे के कलेक्शन शुल्क को लेकर भी नया फार्मूला तैयार किया जा रहा है। हाल ही में हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में टैक्स की दरों में बदलाव को लेकर चर्चा भी हुई है। हालांकि इंदौर के विधायक बढ़ोतरी के विरोध में हैं। इसके बाद जलकर की दर में 100 रुपए बढ़ेंगे। जबकि वर्तमान में नगर निगम जलकर के रूप में 200 रुपए प्रतिमाह वसूल रहा है। अब इस कर की राशि को बढ़ाकर 300 रुपए करने की तैयारी है। इस इजाफे के पीछे इंदौर नगर निगम की तरफ से एक तर्क दिया जा रहा है। उनका तर्क है कि निगम जल्द से नर्मदा का जल इंदौर लाने पर वसूली जा रही रकम से कई गुना ज्यादा राशि खर्च कर रहा है।