श्रावण के दूसरे सोमवार पर अर्धनारीश्वर स्वरूप मे श्रृंगारित हुए बाबा महाकाल

उज्जैन।  श्रावण कृष्ण पक्ष की नवमी पर सोमवार को सबसे पहले शुद्ध जल से स्नान करवाया गया। इसके बाद भगवान का पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही उन पर केसर युक्त जल अर्पित किया गया। अर्द्धनारिश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल का विशेष शृंगार भी किया गया।

श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल आधा घंटा पहले भक्तों को दर्शन देने के लिए जागे, बल्कि उनका अर्धनारीश्वर शृंगार कर उन्हें भस्म भी रमाई गई। इसका लाभ भस्म आरती में बैठे श्रद्धालुओं के साथ ही चलित भस्म आरती के रूप मे हजारों की संख्या में श्रद्धालुजनों ने लिया। मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की नवमी पर सोमवार को सबसे पहले शुद्ध जल से स्नान करवाया गया। इसके बाद भगवान का पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही उन पर केसर युक्त जल अर्पित किया गया। अर्द्धनारिश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल का विशेष शृंगार भी किया गया, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गया। आज के दिन की विशेष जानकारी देते हुए पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि सोमवार सुबह बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन करने के बाद उनसे राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना की गई।