पेरिस ओलंपिक में भारत मनु ने रचा इतिहास, ओलंपिक में शूटिंग में भारत को पदक दिलाने वाली पहली महिला जीता कांस्य

ब्रह्मास्त्र पेरिस

मनु भाकर ने रविवार 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हरियाणा की 22 साल की इस निशानेबाज ने चेटरौक्स शूटिंग सेंटर में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरा स्थान हासिल करने के बाद इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं। टोक्यो में दिल टूटने के तीन साल बाद भारत की इस सबसे प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली निशानेबाजों में से एक ने अपने सपनों को पूरा किया और देश को गौरवान्वित किया। उन्होंने जबरदस्त वापसी की और कांस्य पदक अपने नाम किया। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो खिलाड़ियों ने जीता। ओह ये जिन 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया।

मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था। यह शूटिंग में भारत का पांचवां पदक है। मनु से पहले चारों एथलीट्स पुरुष थे। वह राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग और विजय कुमार के क्लब में शामिल हो गईं।

कोच और प्रशंसकों को दिया धन्यवाद
इसके अलावा उन्होंने अपने कोच और प्रशंसकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, हमने कड़ी मेहनत की है। हमें बाकी सब भाग्य और भगवान पर छोड़ देना चाहिए। हम जितना कर सकते हैं, करेंगे। मेरे साथ खड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद (सभी दोस्तों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का)। उन्हीं की बदौलत मैं यहां मजबूती से खड़ी हूं। हर बार मैं बहुत मेहनत करती हूं और आप सभी ने मेरी जिंदगी को इतना आसान बना दिया है। मैं अपने प्रशंसकों और अपने कोचों को धन्यवाद देना चाहूंगी।

आइए जानते हैं उनके बारे में…
मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। 2023 में मनु ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वह पेरिस ओलंपिक में 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पधार्ओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं। हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी समेत कई खेलों में हिस्सा लिया। मुक्केबाजी खेलते वक्त मनु के आंख पर चोट लग गई थी। इसी के बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया। हालांकि, मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं। अब उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।

एशियाई खेलों की टीम में नहीं थीं मनु
महज नौ माह पहले तक मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल की भारतीय टीम में भी शामिल नहीं थीं। बीते वर्ष वह हांगझोऊ एशियाई खेलों में खेलीं, लेकिन इस इवेंट की टीम में नहीं थीं। यह वह इवेंट है जो उनके दिल के सबसे करीब है। एशियाड से पहले मनु भाकर ने पिछले सारे विवादों को भुलाकर कोच जसपाल राणा का हाथा थामा तो इसकी एक वजह 10 मीटर एयर पिस्टल में वापस प्रभुत्व स्थापित करना था। एशियाड के बाद मनु का समर्पण और जसपाल का साथ काम आया। मनु ने न सिर्फ 10 मीटर एयर पिस्टल की ओलंपिक टीम में जगह बनाई बल्कि शनिवार को क्वालिफाइंग दौर में 580 का विश्वस्तरीय स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहते हुए इस इवेंट के फाइनल में भी जगह बनाई।

भगवद्गीता को मनु ने ध्यान में रखा
भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीत लिया। इसी के साथ उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भारत का पदकों का खाता भी खोल दिया। सफलता मिलने के बाद उन्होंने अपना अनुभव साझा किया।

श्रीकृष्ण की नसीहत आई काम
फाइनल मैच के दौरान मनु को श्रीमद्भगवतगीता में श्रीकृष्ण की अर्जुन को दी गई नसीहत काम आई। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि, सिर्फ अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करो। मनु ने कहा, गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से सिर्फ अपने काम पर भी फोकस करने को कहा था।वही सब मेरे दिमाग में भी चल रहा था। मैं सिर्फ अपना बेस्ट प्रदर्शन करने पर ध्यान देती हैं। मैं अपने भाग्य को तो कंट्रोल नहीं कर सकती हूं।

2018 में मनु ने किया कमाल
मनु कभी कबड्डी के मैदान में उतरीं तो कभी कराटे में हाथ आजमाया। शूटिंग को प्राथमिक रूप से चुनने से पहले मनु ने स्केटिंग, मार्शल आर्ट्स, कराटे, कबड्डी सब खेला। 16 साल की उम्र में मनु ने 2018 में आईएसएसएफ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो स्वर्ण पदक जीते। उसी साल मनु ने राष्ट्रमंडल खेलों और यूथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दोनों प्रतियोगिताओं में मनु ने स्वर्ण पदक हासिल किया।

नौवीं तक था डॉक्टर बनने का सपना
मनु के पिता राम किशन भाकर ने उनका हमेशा साथ दिया। पिता ने मनु को पूरा समर्थन दिया। जिस खेल में उन्हें आगे बढ़ने का मन था उसी में बढ़ने दिया। बहुत से विद्यार्थियों की तरह मनु भी नौवीं कक्षा तक डॉक्टर बनना चाहती थीं। वह खेल में शुरू से अच्छी रही लेकिन पढ़ाई पर मुख्य ध्यान रहा। 10वीं में मनु के जीवन का अलग मोड़ आया, जब कक्षा में टॉप करने के साथ उनका चयन शूटिंग के लिए राष्ट्रीय टीम में हुआ। उनके कोच अनिल जाखड़ के कहने पर मनु ने शूटिंग को एक मौका दिया और 11वीं में जब वह 16 साल की थी तब आईएसएसएफ विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल और यूथ ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतकर अपना नाम बनाया।

पीएम मोदी ने की पदक विजेता मनु भाकर से फोन पर बात
भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीत लिया। उनकी ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर बधाई दी। वहीं, मनु ने भी उनका आभार जताया।
पीएम मोदी ने पहले मनु को ट्वीट कर बधाई दी थी। उन्होंने एक्स पर लिखा, एक ऐतिहासिक पदक। बहुत बढ़िया, मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में भारत का पहला पदक जीतने के लिए। कांस्य पदक के लिए बधाई। यह सफलता और भी खास है क्योंकि वह भारत के लिए निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली महिला बन गई हैं। यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।
इसके जवाब में मनु ने लिखा, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद। मैं सरकार को सभी समर्थन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। इसका बहुत मतलब है।
इसके बाद पीएम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता मनु भाकर को फोन पर बधाई दी। इसका वीडियो भी सामने आया है। दोनों के बीच एक लंबी बातचीत हुई। पीएम से बात के बाद निशानेबाज ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकाला।हमारी लंबी बातचीत हुई। उन्होंने मुझे बधाई दी। मेरे लिए यह बहुत मायने रखता है।