अनाधिकृत पालकी को समिति ने किया जप्त

उज्जैन। सावन माह के दूसरे सोमवार को निकली बाबा महाकाल की सवारी में 2 पालकी के शामिल होने पर भ्रम की स्थिति फैल गई थी। मामला संज्ञान में आते ही पंडे-पुजारियों ने विरोध दर्ज कराया। मंगलवार को महाकाल मंदिर समिति ने बिना अनुमति शामिल की गई दूसरी पालकी का पता लगाया और जप्त कर लिया। 22 जुलाई से शुरू हुए सावन-भादौ मास में प्रत्येक सोमवार बाबा महाकाल पालकी में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकल रहे है। सोमवार को बाबा की दूसरी सवारी महाकाल मंदिर सभामंडपम से शुरू हुई थी। इसी दौरान सवारी के सबसे आगे बाबा की पालकी की हूबहू पालकी शामिल हो गई। जिससे बाबा की मुख्य पालकी की तरह सजाया गया था और प्रमिता विराजित की गई थी। सवारी के सबसे आगे बाबा की पालकी आने पर श्रद्धालुओं में भम्र की स्थिति फैल गई। वह समझ ही नहीं पाये कि बाबा की मुख्य पालकी कौन सी है। महाकाल की सवारी में दूसरी पालकी के शामिल होने की खबर पंडे-पुजारियों को लगी तो आक्रोश व्यक्त किया गया और परंमपरानुसार निकलने वाली एक ही पालकी के शामिल होने की बात कहीं गई। मंदिर के महेश पुजारी ने कहा कि भगवान महाकाल राजा की पालकी के समानंतर दूसरी पालकी निकालने की कोई परंपरा नहीं है। सवारी के दौरान जितनी भी छोटी-बड़ी पालकी शामिल होती है उस पर प्रतिबंध लगाया जाये। दूसरी पालकी शामिल करना भक्तों के साथ धोखा है। मामला महाकाल मंदिर प्रबंध समिति तक पहुंचा तो दूसरी पालकी की तलाश की गई और उसे जप्त किया गया। मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि पहले ही हिदायत दी गई थी कि बिना अनुमति भजन मंडलियां सवारी में शामिल नहीं होगी। अनुमति प्राप्त मंडलियों को ही प्रवेश दिया जायेगा। दूसरी सवारी के दौरान शामिल हुई हूबहू पालकी को जप्त किया गया है। वहीं निर्देश जारी किये गये है कि बिना अनुमित कोई दल या व्यक्ति शामिल नहीं होगा।

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