खुसूर-फुसूर … तो फिर च्यवनप्राश नि:शुल्क मिलेगा ?

दैनिक अवन्तिका  खुसूर-फुसूर

… तो फिर च्यवनप्राश नि:शुल्क मिलेगा ?

हाल ही में सरकार ने एक घोषणा की है जिसमें बताया गया है कि एलोपैथिक के साथ आयुष विंग भी काम करेगी। शेष रहे 20 जिलों में इसे लागू करने का निर्णय लिया जाना सामने आया है जिसमें उज्जैन जिला भी शामिल है। इसके तहत मरीजों को एलोपैथिक उपचार के साथ –साथ होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और युनानी पद्धति का उपचार मिलेगा। अस्पतालों में यह व्यवस्था आने से सामान्य रूप से बिमारों को ऐसी पद्धति से उपचार करवाने में एलौपैथिक के साइड इफेक्ट से बचाव भी होगा। इसके चलते बच्चों,युवाओं,महिलाओं की इम्यूनिटी को इन पद्धतियों से सुदृढ किया जाएगा । आयुर्वेदिक पद्धति से पूर्व से ही उज्जैन में उपचार की व्यवस्था काफी बेहतर हो गई है। धनवंतरि आयुर्वेदिक अस्पताल में मरीजों की अच्छी खासी संख्या देखी जा सकती है। आयुष विंग के क्लिनिक में भी अच्छे मरीज पहुंचते हैं। पिछले कुछ दिनों से इनकी संख्या में गिरावट की स्थिति बताई जा रही है उसके पीछे कारण कुछ ऐसा आया है जो सूनने के बाद आप भी चौंक जाएंगे। कोरोना काल के बाद अस्पताल में मरीजों की इम्यूनिटी बुस्ट करने के लिए और बुजुर्ग कमजोर मरीजों को च्यवनप्राश का वितरण किया जा रहा था। यह वितरण लंबे समय तक किया गया। इसके साथ ही अन्य अच्छी औषधियों का भी वितरण किया गया। बाद में इस पर ब्रेक लगा दिया गया। इस ब्रेक की वजह से बुजुर्ग मरीजों की संख्या में पहले इसलिए चाव बना रहा कि अभी स्टोर में माल नहीं है आने वाला है का शगुफे के तहत उन्हें बांधे रखा गया। समय के साथ शगुफे का बलून फूस्स हो गया। बुजुर्ग मरीजों की संख्या कम हो गई और गर्भवतियों की संख्या अच्छी हो गई। खुसूर- फुसूर है कि एलोपैथ के साथ उपचार में आयुष विंग का आयुर्वेद विभाग एक बार फिर से च्यवनप्राश का वितरण शुरू कर दे तो अस्पताल में इनके मरीजों की संख्या के सामने एलोपैथ की संख्या कमजोर हो जाएगी।

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