धर्म प्रभावना रथ का दूसरा पड़ाव का दूसरा दिन : संकल्प ही बदलता है जीवन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी महाराज ने चातुर्मास के दूसरे पड़ाव पर हाई लिंक सिटी पर धर्म सभा को संबोधित किया और वहां पर 12 दिन चलने वाले भक्तामर महामंडल विधान के प्रथम दिन चार काव्यों के अर्घ चढ़ा करके भगवान की श्रावको द्वारा भक्ति की गई ।

इंदौर। अंतर्मुखी 108 परम पूज्य पूज्य सागर जी महाराज के चातुर्मास धर्म प्रभावना रथ का दूसरा पड़ाव का आज दूसरा दिन हाई लिंक सिटी में बड़ी भक्ति भाव से भक्तामर महामंडल विधान से प्रारंभ हुआ। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि सर्वप्रथम जिनेंद्र भगवान के अभिषेक व शांति धारा का सौभाग्य आज के भक्तामर महामंडल विधान के पुण्यार्जक दिलीप अनीता यश आशिता जैन को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात नित्य नियम पूजन के साथ भक्तामर महामंडल विधान का आज शुभारंभ हुआ। आज विधान मैं 4 काव्यों मैं 224 अर्घ पूर्ण किए गए। आचार्य अभिनंदन महाराज के चित्र अनावरण कर्ता दिलीप जी जैन रहे। फिर अंतर्मुखी परम पूज्य पूज्य सागर जी महाराज व आर्यिका गणिनी 105 सौहार्दमति माताजी का पाद पक्षालन का सौभाग्य स्मिता प्रमोद लखावत, दिलीप अनीता जैन को और शास्त्र भेट महेंद्र ममता पहाड़िया, दिलीप अनीता जैन को प्राप्त हुआ। मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहां की संकल्प का जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। संकल्प को अपने जीवन मैं अगर आपने स्थान दे दिया तो आप बड़ी से बड़ी नैया बड़े से बड़े पड़ाव को पार कर लोगे। एक संकल्प का पालन करने के लिए ही भगवान राम वनवास गए थे। मर्यादा पुरूषोतम राम ने अपने जीवन में ये संकल्प लिया था कि हमेशा अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करूंगा। इसलिए आप अपने जीवन में संकल्प को धारण करके बड़ी से बड़ी चुनौतियों को बिना विकल्प के पूरा कर जाओगे। भक्तामर विधान विधानाचार्य पंडित नितिन झांझरी द्वारा किया जा रहा है।