विद्यार्थी चाहे बेसिक चुने या स्टैंडर्ड उसे पढ़ना एक ही किताब से पड़ेगा

उज्जैन। इस साल से मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के स्कूलों में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को गणित में दो विकल्प बेसिक व स्टैंडर्ड दिया जा रहा है। विद्यार्थी इन दोनों में से किसी एक को चुन सकते हैं और उसी हिसाब से पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन यह बदलाव सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है, क्योंकि माशिमं ने इन विषय की न तो किताबें अगल-अलग की, न ही पाठ्यक्रम में बदलाव किया, मतलब विद्यार्थी चाहे बेसिक चुने या स्टैंडर्ड उसे पढ़ना एक ही किताब से पड़ेगा।

यह समझना मुश्किल है कि जब पाठ्यक्रम में कोई बदलाव ही नहीं करना था तो दो विकल्प क्यों दिए जा रहे हैं। वहीं, परीक्षा के दौरान भी इसे लेकर गफलत की स्थिति बन सकती है। वहीं, शिक्षक भी इस असमंजस में हैं कि वे बच्चों को क्या पढ़ाएं। बता दें कि अगले साल से 10वीं में भी इसे लागू करने की तैयारी है। वहीं, माशिमं ने बेसिक व स्टैंडर्ड गणित के प्रोजेक्ट के विषय और अंक योजना जारी कर दिए हैं। जिले के अधिकतर स्कूलों में 60 प्रतिशत विद्यार्थियों ने स्टैंडर्ड और 40 प्रतिशत ने बेसिक गणित लिया है। स्टैंडर्ड गणित लेने वाले विद्यार्थी असमंजस में हैं कि उनके लिए अलग से किताब या पाठ्यक्रम होगा या नहीं। ऐसे में उनकी अगले महीने होने वाली तिमाही परीक्षा में प्रश्नों का पैटर्न कैसा होगा, इसे लेकर विद्यार्थी शिक्षकों से पूछ रहे हैं।