खुसूर-फुसूर पैथालाजी लेब पर बाबू जी एवं “चौथी टांग” का दबाव

दैनिक अवंतिका उज्जैन

खुसूर-फुसूर

पैथालाजी लेब पर बाबू जी एवं “चौथी टांग” का दबाव

जिले में आमजन के ईलाज वाला अमला अवैध अस्पताल बंद करने में लगा हुआ है। डिग्री किस बात की और इलाज किस बात का किया जा रहा था। सवाल तो यह उठ रहा है कि मच्छर को मगरमच्छ किसने बनाया । छोटी सी गुमटी से तीन मंजिला अस्पताल खुलते समय किसी को नजर क्यों नहीं आया । असल में पंजीयन के नाम पर ईलाज वाले विभाग में जमकर खेल हो रहा है। हाल ही में एक मामला जारी है । जिले में गिनती की पैथालाजी लेब हैं जो नियमानुसार समस्त प्रतिपूर्तियों के साथ संचालित की जा रही हैं। विभागीय टीम शेष को कुल्हड में गुड फोडकर संचालित करने की अनुमति दिए हुए है। हर तीन साल में पंजीयन का नवीनीकरण हो रहा है। मच्छर मगर मच्छ की और पोषित किया जा है। विभाग में पैथालाजी पंजीयन करने वाले बाबूजी ने दबाव के चलते एक “चौथी टांग”   के सामने घूटने टेक दिए । किस पैथालाजी में क्या कमी है और उसकी नब्ज कैसे पकड में आएगी इसकी पूरी जानकारी भी दे दी। “चौथी टांग” के पास बंदुक पहले से थी गोली भी मिल गई ऐसे में कमियों के तहत पैथालाजी चलाने वाले कतिपय संचालकों को बाबूजी की दस्तावेजी गोली के आधार पर जमकर दम दिया जा रहा है। यहां तक की अबे… और दुकान बंद हो जाएगी तक भी बोला जा कर अपनी पूर्ति की जा रही है। खुसूर- फुसूर है कि कतिपय पैथालाजी संचालक अपनी लेब में कमी होने के बावजूद मामले से पिडित होकर कार्रवाई का मन बना रहे हैं और बडे घर जाने की तैयारी कर रहे हैं।