माध्यमिक शिक्षा मंडल का परीक्षा कार्यक्रम स्कूलों के नोटिस बोर्ड से गायब नवीं के नामांकन के सरकारी स्कूल में 70 रूपए,निजी में 600 -मंडल के निर्देशों का पालन स्कूलों के साथ कक्षाओं में कहीं नजर नहीं आया

दैनिक अवंतिका उज्जैन । निजी शिक्षण संस्थाओं में शैक्षणिक प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी अब पालकों की जेब हल्की करने का माध्यम बना लिया है। हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल के निर्देश पर 9 वीं कक्षा के विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर निर्देश और फार्म आए हैं। इसी को लेकर शासकीय स्कूलों में  मात्र 70 रूपए लिए जा रहे हैं और कतिपय निजी स्कूलों में 600 रूपए बच्चों से मंगाए जा रहे हैं।शिक्षा के नाम पर कभी वर्दी तो कभी पुस्तकों को और मनमाने तरीके से फीस वृद्धि कर पालकों की जेब हल्की करना आम हो चुका है। शिक्षा माफिया प्रशासन को सीधे तौर पर चुनौती दे रहा है। अब की बार निजी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा मंडल के नामांकन फार्म को लेकर पालकों की जेब हल्की की जा रही है। मजबूर पालक सब कुछ जानते हुए भी शिक्षा माफियाओं के सामने नतमस्तक होकर उनकी मांग को पूरी कर रहा है।ये है मामला-म.प्र.माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत 9 वीं कक्षा में आने वाले बच्चों को अपना नामांकन पंजीयन करवाना होता है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल की फीस तय है। तय फीस के साथ बच्चों की जानकारी एक फार्मेट में भरकर फोटो सहित दी जाती है। इस आधार पर बच्चे का नामांकन पंजीयन किया जाता है। हाल ही में मंडल की और से नामांकन पंजीयन के लिए फार्म भेज कर उसे भरने के लिए स्कूलों को कहा गया है। शासकीय स्कूलों में नामांकन पंजीयन के इन फार्म को भरने के साथ ही बच्चों से मंडल की निर्धारित राशि 70 रूपए मंगवाई जा रही है। इसके विरूद्ध कतिपय निजी स्कूलों में क्षेत्र के मान से पालकों की जेब हल्की करने के लिए 500 से 700 रूपए तक बच्चों से मंगवाए जा रहे हैं।10 वीं के  फार्म के 1500 रूपए-जानकारी सामने आ रही है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं के फार्म भरने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में कतिपय निजी स्कूलों में इस फार्म को भरवाने के नाम पर बच्चों से एक हजार से एक हजार 500 रूपए तक मंगाए जा रहे हैं।नहीं लगे परीक्षा कार्यक्रम नोटिस बोर्ड पर-माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मंगलवार को कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं के लिए परीक्षा कार्यक्रम परीक्षा वर्ष -2025 जारी किया है। फरवरी 2025 के अंत से परीक्षा की शुरूआत होना है। इसे लेकर पूरा कार्यक्रम मंडल ने जारी करते हुए समस्त शासकीय एवं मान्यता प्राप्त अशासकीय हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूल प्राचार्यों को पत्र जारी किया था। इस पत्र में बिंदु क्रमांक 2 पर निवेदन किया गया था कि परीक्षा कार्यक्रमों को शाला के बाहर नोटिस बोर्ड पर परीक्षार्थियों के सूचनार्थ ऐसे स्थान पर चस्पा करने की व्यवस्था करें जहां इन्हें सर्व संबंधित जन सुविधापूर्वक देख सकें। इसके साथ ही कक्षा अध्यापक द्वारा शाला के संबंधित परीक्षार्थियों को उनसे संबंधित परीक्षा विषय ,प्रश्न – पत्र, दिनांक ,दिवस और समय अंकित करवाने की व्यवस्था करें।ऐसे हुआ पालन-मंडल के निर्देश का पालन उज्जैन जिले में तो ठीक उज्जैन शहर में भी देखने में नहीं आया। स्कूलों के बाहर स्पष्ट रूप से दिखने वाले नोटिस बोर्ड से भी कार्यक्रम गायब रहा है। विद्यार्थियों में जरूर समाचार पत्रों के माध्यम से लगी जानकारी पर चर्चा होती रही और कक्षाओं में कुछ शिक्षकों ने बच्चों को आगाह करते हुए परीक्षा के नजदीक आने की जानकारी दी लेकिन उन्होंने भी पूरा कार्यक्रम को लेकर बच्चों को कोई जानकारी नहीं दी नहीं ही विद्यार्थियों से संबंधित बातें उन्हें नोट करवाई गई है।कोचिंग क्लासों के बाहर लगे बोर्ड-माध्यमिक शिक्षा मंडल के निर्देश पर शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर जानकारी देखने में नहीं आई इसके विरूद्ध माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत 10 वीं एवं कक्षा 12वीं की शहर में चलने वाली कोचिंग क्लासेस में नोटिस बोर्ड पर पूरा परीक्षा कार्यक्रम लार्ज रूप में लगाया गया था। इसके साथ ही कोचिंग क्लासेस में पढाने वाले शिक्षकों एवं संचालकों ने परीक्षा कार्यक्रम को लेकर बच्चों से सीधी बात की और यह भी कहा कि इस वर्ष करीब 15 दिन कम समय मिल रहा है। ऐसे में बच्चे अपनी शेड्यूलिंग को इसी मान से तय करें।परीक्षा केंद्रों का होगा भौतिक सत्यापन-माध्यमिक शिक्षा मंडल की और से जारी परीक्षा कार्यक्रम के साथ ही शिक्षा विभाग भी एक्टिंग मोड पर आ गया है। परीक्षाओं के लिए केंद्र का भौतिक सत्यापन जिला शिक्षा विभाग कर मंडल को भेजता है। जिले में करीब 72-73 केंद्र हैं इन सभी केंद्रों का एक बार पून: मुल्यांकन करते हुए भौतिक सत्यापन करते हुए मंडल के नियमानुसार व्यवस्थाएं भी देखी जाना है। ऐसे में संभव है कि कुछ केंद्र तब्दील हों।-नामांकन पंजीयन के लिए मंडल की निर्धारित फीस ही शासकीय स्कूलों में मंगाई गई है। निजी स्कूलों में ज्यादा राशि विद्यार्थियों से ज्यादा फीस मंगाने के संबंध में शिकायत हमारे पास नहीं आई है। अगर कोई स्कूल ऐसा कर रहा है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई करेंगे। नोटिस बोर्ड पर परीक्षा कार्यक्रम चस्पा करने एवं कक्षाओं में परीक्षार्थियों को नोट करवाने का भी कह देंगे। आनंद शर्मा, जिला शिक्षाधिकारी,उज्जैन