कागजों पर चल रहे वृद्धाश्रमों और संस्थाओं पर लगेगी लगाम

गुणवत्ता की होगी जांच, खरा उतरने के बाद ही मिलेगा अनुदान
उज्जैन। उज्जैन सहित जिले में कई स्थानों पर वृद्धाश्रमों के साथ ही दिव्यांगों के लिए संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है वहीं नशा छुड़ाने के लिए भी कई संस्थाएं संचालित होकर सरकार से अनुदान प्राप्त किया जा रहा है लेकिन अब कागजों पर चल रही ऐसी संस्थाओं पर लगाम लगेगी क्योंकि सरकार गुणवत्ता का ऑडित करा रही है। जांच में खरा उतरने के बाद ही आगे से अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि शहर में कई संस्थाएं ऐसी है जो वृद्धों को आश्रय देने के अलावा दिव्यांगों की सेवा, नशा मुक्ति जैसे सेंटरों का संचालन किया जा रहा है लेकिन जानकारी मिली है कि ऐसी भी कई संस्थाएं है जो कागजों पर ही चल रही है और सरकार से अनुदान लिया जा रहा है। प्रदेश में दिव्यंजन कल्याण, नशा मुक्ति तथा वरिष्ठजनों के लिए संचालित आश्रमों व संस्थाओं की गुणवत्ता की ऑडिट करायी जा रही है।  सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संस्थानों की गुणवत्ता ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है।  निरीक्षण ऑडिट रिर्पोट के आधार पर ही भविष्य में अनुदान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। यह ऑडिट रिपोर्ट प्रत्येक तिमाही में तैयार कराई जाएगी।  ऑडिट के सभी बिंदुओं पर प्राप्त रिपोर्ट का विस्तृत एनालिसिस के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संस्थानों की गुणवत्ता ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है।

संस्थाओं की ग्रेडिंग की जाएगी

आयुक्त सामाजिक न्याय एवं दिव्यंगिता सशक्तिकरण डॉ. आर आर भोसले ने बताया कि  दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में 36 राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थाओं तथा 54 केंद्रीय और जिला निराश्रित नीति से अनुदान प्राप्त संस्थाओं की गुणवत्ता ऑडिट कराई जा रही है इसी प्रकार वरिष्ठजनों के लिए संचालित  अशासकीय की संस्थाओं तथा नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत संचालित केंद्रीय अनुदान प्राप्त अशासकीय नशामुक्ति सह पुनर्वास केंद्र,  आउट रीच एंड ड्राप इन सेंटर,  कम्यूनिटी बेस्ड पियरलेड सेंटर का भी ऑडिट कराया जा रहा है। ऑडिट के लिए गठित टीम का दायित्व है कि वह सभी केंद्रों पर साफ़ सफाई, भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, सुरक्षा, फर्नीचर ओर अन्य सामग्री की गुणवत्ता, मनोरंजन, खेलकूद सुविधाओं, ओर ऑफिस रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त की करेंगी। इसके आधार पर संस्थाओं की ग्रेडिंग की जाएगी। अब यह ऑडिट प्रत्येक तिमाही में की जाएगी,  50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाली संस्था के विरुद्ध एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जायगी।