मंकी पाक्स को लेकर मोदी सरकार एक्शन में, जेपी नड्डा ने की बैठक

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

देश में मंकीमॉक्स को लेकर मोदी सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा कि भारत में फिलहाल मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं है। हालांकि बीमारी के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय किए जाएंगे। दिन में आयोजित समीक्षा बैठक में आने वाले हफ्तों में कुछ आयातित मामलों का पता चलने की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया। फिर भी यह आकलन किया गया कि वर्तमान में भारत के लिए निरंतर संचरण के साथ बड़े पैमाने पर प्रकोप का जोखिम कम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने 2022 में पहली बार इस प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। उस वक्त से भारत में कुल 30 मामले सामने आए है, जिनमें से आखिरी मामला इस मार्च में सामने आया था। बयान में कहा गया है कि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।
मंत्रालय द्वारा स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्थिति और तैयारियों के बारे में अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को फिर से मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।

यह निर्णय लिया गया कि सावधानी के तौर पर सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और ग्राउंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों को संवेदनशील बनाने परीक्षण प्रयोगशालाओं को तैयार करने किसी भी मामले का पता लगाने, उसे अलग करने व उसका प्रबंधन करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने जैसे कुछ उपाय किए जाएगे। बैठक में यह नोट किया गया कि मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक चलने वाला स्व-सीमित होता है और रोगी आमतौर पर सहायक प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं। बयान में कहा गया है कि संक्रमण के लिए संक्रमित मामले के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क की आवश्यकता होती है। यह आमतौर पर यौन मार्ग, शरीर/घाव द्रव के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े लिनन के माध्यम से होता है। डब्ल्यूएचओ की 2022 की घोषणा मई 2023 में रद्द कर दी गई थी। 2022 से डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक स्तर पर 116 देशों से मंकीपॉक्स के कारण 99176 मामले और 208 मौतों की सूचना दी है।

 

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