डूबते बहन-भाईयों को बचाने के लिये जवानों ने लगाई छलांग

दैनिक अवंतिका
उज्जैन। क्षिप्रा नदी में रविवार शाम एक युवक गहराई में चला गया। उसे डूबता देख छोटा भाई और बड़ी बहन बचाने के लिये कूद गये। तीनों को गहराई का अंदेशा नहीं था। तीनों को डूबता देख होमगार्ड जवानों ने छलांग लगाई और सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
रामघाट चौकी पर पदस्थ होमगार्ड तैराक दल प्रभारी ईश्वरलाल चौधरी ने बताया कि शाम चार बजे के लगभग दत्तअखाड़ा घाट पर 2 युवको और एक युवती को क्षिप्रा नदी में डूबता देख होमगार्ड जवान जगदीश सोलंकी और एसडीईआरएफ जवान राजेंद्र रंगोटा ने छलांग लगा दी। दोनों डूबते युवको और युवती को सुरक्षित बचाकर बाहर ले आये। तीनों से पूछताछ करने पर सामने आया कि हरियाण से धार्मिक यात्रा पर आये। क्षिप्रा स्नान के लिये घाट पहुंचे थे। नितिश कुमार पिता दिलीप 24 वर्ष नहाते समय गहराई में चला गया था, उसे डूबता देख बचाने के लिये छोटे भाई प्रिंस 15 वर्ष और बड़ी बहन सीमा पति मनोजसिंह कूद गये थे, उन्हे गहराई का अंदेशा नहीं था, वहीं तैराना भी नहीं आता था। सीमा कुमारी का कहना था कि होमगार्ड जवान नहीं आते तो तीनों भाई-बहन डूब जाते। होमगार्ड प्लाटून कमांडर हेमलता पाटीदार ने बताया कि क्षिप्रा नदी के घाटो पर तीन शिफ्टो में होमगार्ड और एसडीईआरएफ जवानों की तैनाती की गई है। जवान लगातार घाटो के आसपास पेट्रोलिंग करते रहते है। पिछले 8 माह में 90 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में होमगार्ड में 15 अधिकारी और जवानों को इसी कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
क्षिप्रा तैराक दल ने युवक को बचाया
क्षिप्रा नदी पर होमगार्ड/एसडीईआरएफ जवानों के साथ मां शिप्रा तैराक दल के सदस्य भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए लगातार निस्वार्थ सेवा दे रहे है। रविवार को तैराक दल के सदस्यों ने रामघाट सिद्ध आश्रम घाट पर राजस्थान से आये कुणाल गोयल को डूबने से बचाया। मां तैराक दल संस्था के सचिव संतोष सोलंकी ने बताया कि युवक को बचाने में तेजा कहार, दीपक कहार, राकेश गौड और राजा कहार की भूमिका रही है। संस्था के सदस्य पूर्व में भी कई लोगों को डूबने से बचा चुके है। जरूरत पढ़ने पर होमगार्ड जवानों की मदद के लिये उपस्थित रहते है।