प्रभारी मंत्रियों को कितनी मापने पड़ेगी उनके जिलों की दूरी….!
सूबे के सीएम डॉ. मोहन यादव ने बीते कुछ दिनों पहले अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया है लेकिन अधिकांश प्रभारी मंत्री ऐसे भी है जो रहते कहीं ओर है और ऐसी स्थिति में कई किलोमीटर तक की दूरी मापकर ही उन्हें अपने जिलों में जाना होगा। अपने-अपने गृह जिले से किसी मंत्री के प्रभार वाले जिले की दूरी 870 किलोमीटर है तो किसी की 808 किलोमीटर।
बता दें 15 अगस्त से तीन दिन पहले प्रदेश सरकार ने सभी मंत्रियों को प्रभार वाले जिले आवंटित किए हैं। प्रभार वाले जिलों के मामले में सबसे ज्यादा फायदे में मंत्री कृष्णा गौर हैं, क्योंकि उनके गृह जिले भोपाल से प्रभार वाले जिले सीहोर की दूरी महज 38 किलोमीटर है, जबकि दूसरे जिले टीकमगढ़ की दूरी 278 किलोमीटर है। हालांकि, इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान मंत्री नागर सिंह चौहान को उठाना पड़ रहा है। उनके गृह जिले अलीराजपुर से प्रभार वाले आगर जिले की दूरी 307 किलोमीटर है, जबकि उमरिया की दूरी 870 किलोमीटर है। ऐसे में उन्हें अपने गृह जिले से उमरिया जाने के लिए सड़क मार्ग से 13 घंटे से भी ज्यादा का सफर तय करना होगा। पीएचई मंत्री संपतिया उइके का गृह जिला मंडला है, जबकि उन्हें दो जिले सिंगरौली और अलीराजपुर का प्रभारी मंत्री बनाया है। मंडला से सिंगरौली की दूरी 404 किलोमीटर है, जबकि अलीराजपुर की दूरी 808 किलोमीटर है। इसी तरह नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का गृह जिला इंदौर है. उन्हें धार और सतना का प्रभारी मंत्री बनाया है।इंदौर से धार की दूरी 64 किलोमीटर, जबकि सतना की दूरी 707 किलोमीटर है। इसी तरह ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का गृह जिला ग्वालियर है। उन्हें शिवपुरी और पांढुर्णा का प्रभार सौंपा गया है। ग्वालियर से शिवपुरी की दूरी 116 किलोमीटर, जबकि पाढुंर्णा की दूरी 694 किलोमीटर है। मंत्री ऐदल सिंह कंषाना का गृह जिला मुरैना है। उन्हें छतरपुर और दतिया का प्रभारी मंत्री बनाया है। मुरैना से छतरपुर की दूरी 286 किलोमीटर, जबकि दतिया की 127 किलोमीटर है। इसी तरह खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत का गृह जिला सागर है। उन्हें गुना और नरसिंहपुर का प्रभारी मंत्री बनाया है।सागर से गुना की दूरी 213 किलोमीटर जबकि नरसिंहपुर की दूरी 136 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पास इंदौर जिले का प्रभार रखा है। सीएम डॉ. यादव का गृह जिला उज्जैन है। ऐसे में उज्जैन से इंदौर की दूरी महज 54 किलोमीटर है। कुल मिलाकर इस मामले में सबसे ज्यादा फायदे में सीएम डॉ. मोहन यादव ही है। वह अपने गृह जिले से अपने प्रभार वाले जिले में महज एक घंटे में ही पहुंच जाएंगे।