गुरू का नक्षत्र परिवर्तन…मृगशिरा में करेंगे गोचर

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा गया है। गुरु को ज्ञान का कारक माना गया है। जिसकी कुंडली में गुरु मजबूत होता है, वह उच्च शिक्षित, ज्ञानवान और उदारवादी विचारों का होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु की कृपा से जातक में सात्विक गुणों का विकास होता है।  यह धनु और मीन राशि का स्वामी हैं। गुरु का राशि और नक्षत्र परिवर्तन अलग-अलग राशियों के जातकों को प्रभावित करता है। मंगलवार 20 अगस्त से गुरु मंगल के नक्षत्र मृगशिरा में गोचर करेंगे। गुरु और मंगल में मित्रता होने की वजह से मेष, वृषभ और वृश्चिक राशि के जातकों को सर्वाधिक लाभ होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि वर्तमान में गुरु वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में हैं। वे मंगल के स्वामित्व वाले मृगशिरा नक्षत्र में गोचर करेंगे और 9 अक्टूबर को वक्री हो जाएंगे।
इन्हें होगा फायदा
मेष राशि
मंगल के स्वामित्व वाले मृगशिरा नक्षत्र में गुरु के जाने से मंगल की पहली राशि मेष के जातकों को लाभ होगा। आध्यात्मिक उन्नति होगी। करियर में प्रतिष्ठा मिल सकती है। धार्मिक यात्राओं के योग बन सकते हैं। घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है।
वृषभ राशि
बृहस्पति वर्तमान में शुक्र के स्वामित्व वाली वृषभ राशि में हैं। इस राशि में वह अगले साल 2025 तक रहेंगे। गुरु के नक्षत्र परिवर्तन से वृषभ राशि के जातकों के बिगड़े काम बनेंगे। साथ ही धार्मिक यात्रा के भी योग बन रहे हैं। गुरु के राशि के गोचर से परिवार में सुखमय माहौल रहेगा और मांगलिक कार्य होंगे। इस राशि के जातकों को धन प्राप्ति हो सकती है। वैवाहिक जीवन भी सुखी रहेगा।
वृश्चिक राशि
मंगल के ही स्वामित्व वाली दूसरी राशि वृश्चिक है। गुरु का गोचर मंगल के स्वामित्व वाले मृगशिरा नक्षत्र में होने से इस राशि के जातकों को भी विशेष लाभ होगा। बृहस्पति का नक्षत्र परिवर्तन से इस राशि के जातकों के लिए धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। इस राशि के जातकों प्राॅपटी और शेयर मार्केट में निवेश से लाभ हो सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। शिक्षा और करियर के लिहाज से भी समय उत्तम रहेगा।

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