नृत्य शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी है – नम्रता मेहता

दैनिक अवंतिका उज्जैन। नृत्य शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी है। उक्त उदगार मुंबई की प्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री नम्रता मेहता ने स्पीक मैके एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय ओडीसी नृत्य कार्यशाला के प्रथम दिन बुधवार को प्रातः 11:15 बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय निनोरा पर कहे। 
यहां आपने नृत्य की शुरुआत मंगलाचरण कर संत तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के श्लोक केकी कथा नीलम के माध्यम से की। उन्होंने सर्वगुण संपन्न राम का वर्णन करते हुए उनके नील वर्ण शरीर को मोर की गर्दन के समान बताया जिनकी आंखें सुंदर कमल के समान है जो पीले वस्त्र पहने हुए है और ऐसे व्यक्तित्व के रूप में जो धनुष और बाण के कौशल में अजय हैं। राम न केवल सब मनुष्य द्वारा बल्कि वानरों द्वारा भी पूजे जाते हैं। तत्पश्चात उन्होंने छात्र-छात्राओं को विभिन्न हस्त मुद्राओं को बहुत ही सहजता से सिखाया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलाकारों का स्वागत प्रधानाध्यापिका श्रीमती धर्मिष्ठा वाघमारे ने किया। स्पीक मैके के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने बताया सुश्री नम्रता ने अपनी द्वितीय प्रस्तुति दोपहर 12:45 बजे शासकीय उमावि पंथपिपलई इंदौर रोड पर दी। यहां उन्होंने  ओडिसी नृत्य की चार प्रमुख भंगिमाओं  सभंग, अभंग, त्रिभंग और चौक के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को सिखाया। तत्पश्चात  राग अभोगी और रागेश्वरी में पल्लवी के माध्यम से विभिन्न पशु पक्षियों एवं प्राकृतिक वातावरण का सुंदर चित्रण किया। अंत में  कवि नरसिंह मेहता द्वारा रचित गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए पर नृत्य कर अपने कार्यक्रम का सुंदर समाहार किया। आभार प्राचार्य राजश्री चौधरी ने माना। गुरुवार को सुश्री नम्रता की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 9:15 बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय जवासिया कुमार एवं द्वितीय प्रस्तुति प्रातः 11 बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय दत्रावादा पर होगी।