कैमरों से रखी जाएगी खस्ताहाल सड़कों पर नजर

उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही अब उज्जैन जिले में भी  खस्ताहाल सड़कों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने का प्लान बना रहा है। बताया गया है कि  शासन एक जीआईएस लैब तैयार कर रहा है, जिसके लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि से विशेष सॉफ्टवेयर तैयार होगा, जिसके जरिए  प्रदेशभर के सभी नगरीय निकायों के रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे, जिसमें रोड नेटवर्क आदि सहित प्रॉपर्टी का ब्योरा भी होगा।

अर्बन डाटा एंट्री सेंटर के जरिए  नगरीय निकायों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रॉपर्टी से संबंधित समस्त जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी। नेट लिंक सॉफ्टवेयर कम्पनी को इसका जिम्मा सौंपा गया है और कुछ समय पूर्व नगरीय प्रशासन संचालनालय ने कंपनियों से ऑफर बुलवाए थे, जिसमें नेट लिंक कम्पनी ने बाजी मारी। 14 से 15 करोड़ रुपए की राशि इस पर खर्च होगी और कम्पनी ही तीन साल तक संचालन के साथ रखरखाव भी करेगी। प्रदेश में 413 नगरीय निकाय और 16 नगर निगम है, जिसमें उज्जैन भी शामिल है। किसी भी नगर निगम के पास सड़कों के साथ-साथ पानी, सीवरेज, प्रॉपर्टी से लेकर किसी भी विभाग का डाटा उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि  उज्जैन शहर में भी नगर निगम को यही पता नहीं रहता कि जमीन के अंदर कौन-कौन सी पाइप लाइनें जा रही है। यही कारण है कि आए दिन विकास कार्यों के चलते कभी लाइन फूट जाती है, तो कभी ड्रेनेज की, तो कभी टेलीफोन कम्पनियों की केबल क्षतिग्रस्त होती है, तो कभी अवंतिका गैस की लाइन में बाधा आ जाती है।