वर्षा के मौसम में ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहे हैं वायरल के मरीज, घट रही हैं प्लेटलेट्स

सारंगपुर। बरसात के मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ गए हैं। सारंगपुर सिविल अस्पताल की ओपीडी वायरल बुखार के मरीजों से अटी है। गौर करने वाली बात ये है कि वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स कम होने की बात सामने आ रही है। लक्षण बिल्कुल डेंगू बुखार जैसे हैं। सारंगपुर सिविल अस्पताल की ओपीडी में औसतन 600 मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें से वायरल बुखार, सर्दी के करीब 150 मरीज होते हैं। गुलावता, भूराखेड़ी, पड़ाना, पाडल्या, सबरस्या, भूमका, कडलावद क्षेत्र के मरीजों वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स घटने की बात सामने आ रही है। सिविल अस्पताल के अधीक्षक डा. मनीष चौहान ने बताया कि सामान्य व्यक्ति में 1.50 लाख प्लेटलेट्स होती है। वायरल बुखार में मरीज में प्लेटलेट्स काउंट 35 हजार तक आ रहा है। संक्रमण को इंगित करने वाली जांच टोटल ल्यूकोसाइट काउंट में भी कमी देखी जा रही है। ये दोनों स्थिति डेंगू के मरीज में होती है। हालांकि जांच में डेंगू सामने नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि वायरस संक्रमण के दौरान शरीर में प्लेटलेट्स की खपत दूसरी रक्त कोशिकाओं की तुलना में ज्यादा हो जाती है। वहीं, अनेक बैक्टीरिया के संक्रमण व दर्द की दवाओं के प्रभाव से भी प्लेटलेट्स कम हो सकती है। इसलिए वायरल बुखार होने पर तीन भी अगर बुखार न उतरे तो तत्काल डाक्टर को दिखाकर उपचार लेने की जरूरत है।
ये लक्षण होने पर हो जाएं सतर्क
डा. चौहान ने बताया कि 104 डिग्री तक तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, चक्कर आना, हाथ-पैर व जोडों में दर्द ये लक्षण वायरल बुखार के हैं। ये लक्षण होने पर सतर्क हो जाएं। बिना देरी किए चिकित्सक को दिखाएं।
वायरल बुखार के कारण व बचाव
बरसात का मौसम है। गंदगी और जल जमाव की समस्या है। मच्छरों का प्रकोप है। दूषित भोजन और दूषित पानी पीने से वायरल बुखार आ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मेंं आने से भी वायरल बुखार अपनी चपेट में ले सकता है। डा. मनीष चौहान ने कहा कि बचाव यही है कि घर और कार्य स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें। मच्छरदानी या मच्छर भगाने के उपाय अपनाएं। जल जमाव वाले स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे व फागिंग जरूरी है। शुद्ध पेयजल व ताजा भोजन ही लें। बिना चिकित्सक की सलाह लिए अपने से दर्द की दवाएं न लें।

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