पांच साल पहले दिलाए गए मोबाइल नहीं रहे किसी काम के…

उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को करीब चार-पांच साल पहले मोबाइल दिए गए थे लेकिन ये किसी काम के नहीं रहे, लिहाजा नए सिरे से मोबाइल दिलाने की तैयारी हो रही है। कुल मिलाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हाईटेक बनाया जा रहा है।
दरअसल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी ऐप पर ऑनलाइन एंट्री करनी होती है पर सरकार द्वारा पांच साल पहले दिए गए मोबाइल हैंग हो जाते हैं। ये मोबाइल 2-3 जी डाटा को सपोर्ट करते हैं और अब जमाना 5 जी का आ गया है। ये परेशानी तब और बढ़ जाती है जब डाटा एंट्री न होने से उनका वेतन काट लिया जाता है। ये परेशानी प्रदेश की 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की है। इन कार्यकर्ताओं को 4 से 5 साल पहले जो मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध कराए गए थे, वे अब कंडम हो चुके हैं। अधिकांश कार्यकर्ता अपने निजी हैंडसेट का उपयोग कर रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग 27 हजार मोबाइल खरीदी की तैयारी कर रहा है। यह मोबाइल 4 जी, 5 जी डाटा सपोर्ट वाले होंगे। बताया जा रहा है कि मोबाइल खरीदी के लिए टेंडर भी जारी हो गए हैं। इसे भारत सरकार के जैम पोर्टल के जरिए खरीदा जाएगा।कार्यकर्ताओं को सरकार मोबाइल रीचार्ज के लिए तीन माह में 500 रुपए देती है। इतनी कम राशि में कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो पाते हैं। क्योंकि कोई भी डाटा प्लान दो सौ रुपए में 28 दिन के लिए होता है, जबकि इन्हें तीन माह के लिए 500 रुपए दिए जाते हैं। मोबाइल फोन से ही पोषण ट्रैकर ऐप चलता है। इसमें आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का वजन, लंबाई, टीकाकरण, पोषण आहार, गर्भवतियों को दिया जाने वाला राशन, गोदभराई, अन्नप्राशन आदि सभी डाटा ऑनलाइन ही देना होता है।

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