चार शहरों को जोड़ बनेगा इंदौर महानगर क्षेत्र

इंदौर। प्रदेश सरकार ने इंदौर का मैट्रो पॉलिटियन एरिया चार शहरों को जोड़ कर बनाने की योजना बनाई है. यह प्रारंभिक स्तर पर तय किया गया है। इसमें करीब 8 हजार 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कवर होगा. खास बात यह है कि मैट्रो पॉलिटियन एरिया का सेंटर इंदौर जिला ही रहेगा। प्रदेश सरकार ने इंदौर को महानगर बनाने के लिए आसपास के चार शहर जोड़ कर प्राथमिक तौर पर योजना बनाना शुरू कर दिया है।

इसके तहत अभी से ही सड़कों और रेल लाइन के लिए जमीनें आरक्षित हो जाएगी। इसका कारण यह है कि भविष्य में रेल लाइन डालने और सड़कें बनाने के लिए सरकार को परेशानी नहीं उठानी पड़े। महानगर के लिए शासन स्तर पर अभी से ही इंदौर के साथ धार, उज्जैन और देवास जैसे करीबी शहरों को जोड़ कर निवेश क्षेत्र और विकास को बढ़ावा देने की योजना है। इंदौर को महानगर बनाने का मुद्दा इसलिए भी उठा है कि उज्जैन, देवास और धार के निवेश क्षेत्र में मैट्रो और सड़कों का नेटवर्क तैयार करना जरूरी है। उज्जैन मैट्रो ले जाने की बात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बार बार कर रहे है. उज्जैन या देवास या धार तक मैट्रो तब ही जा सकती है, जब इंदौर महानगर होगा और आस पास के शहर मैट्रो से जुड़ेंगे। यही वजह है कि शासन ने मैट्रो पॉलिटियन एरिया बढ़ाने के लिए आसपास के जिलों की इंदौर से कनेक्टिविटी को जोड़ने की तैयारी पर काम शुरू किया है। इंदौर के मास्टर प्लान में महू, पीथमपुर का क्षेत्र जुड़ा है, लेकिन देवास, उज्जैन और धार नहीं जुड़ा है. उक्त चारों को जोड़कर इंदौर को सेंटर बनाया जाने की संभावना है। इंदौर जिले का पूरा क्षेत्र मैट्रो पॉलिटियन एरिया में शामिल रहेगा. इसके लिए शासन स्तर पर एक प्लानिंग एरिया जिसमे निवेश क्षेत्र के साथ सड़कों का नेटवर्क और प्रतावित रिंग रोड, बायपास होना जरूरी है. मैट्रो रेल की कनेक्टिविटी भी तब ही संभव हो सकेगी। साथ ही एरिया कमेटी बनेगी. कमेटी में कौन कौन सदस्य होगा? यह सब भी तय होना बाकी है। बताया जाता है कि मैट्रो पॉलिटियन एरिया का पूरा काम आईडीए देखेगा। इसके लिए नोडल एजेंसी से लेकर कंसल्टेंट नियुक्त करने का काम भी आईडीए के हवाले करने के चर्चा है। अभी सिर्फ प्रारंभिक स्तर पर एरिया को लेकर बात हुई है। अभी कई स्तरों पर चर्चा होगी और उसके बाद अप्रूवल होगा।