10 लाख के कर्ज में डूबे युवक ने लगाई फांसी

दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। पत्नी के मायके जाने पर दोस्त युवक के लिये रविवार दोपहर खाना लेकर पहुंचा तो दरवाजा नहीं खुला। उसने खिड़की से झांका तो युवक को फंदे पर लटका देखा। दरवाजा तोड़कर शव उतारा गया। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। जिसमें कर्ज का उल्लेख होना सामने आया है।
पंवासा थाना प्रभारी रविन्द्र कटारे ने बताया कि दोपहर 12 बजे के लगभग क्षिप्रा विहार कालोनी में एक युवक का शव घर में फंदे पर लटका होने की खबर मिलने पर पुलिस पहुंची थी। इस दौरान जितेन्द्र नामक युवक ने बताया कि फंदे पर लटका उसका दोस्त सुरेशचंद्र पिता गोपाल परमार 38 वर्ष है। जो एमपीईबी में काम करता था। रक्षाबंधन मनाने के लिये उसकी पत्नी सीतामऊ मंदसौर गई हुई है। जो अब तक नहीं लौटी है। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव फंदे से उतारा। कमरे से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें शेयर मार्केट में 10 लाख का कर्ज होने की बात लिखी गई है। परिवार से माफी भी मांगी गई है और पत्नी को लिखा है कि इस जिंदगी से बाहर नहीं निकल पा रहा हूं। बच्चों का ध्यान रखना। परेशान हो चुका हूं। आसपास के लोगों ने बातया कि 11 बजे उसे घर के बाहर सिगरेट पीते हुए देखा था। थाना प्रभारी के अनुसार मामले में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। मृतक मूलरूप से सीतामऊ का रहने वाला था। जिसे अंतिम संस्कार के लिये पैतृक घर ले जाया गया है।
इधर शराबी ने लगाई फांसी
नरवर थाना क्षेत्र के ग्राम पालखंदा में रहने वाले जितेन्द्र पिता लाखनसिंह राजपूत 30 वर्ष ने शनिवार-रविवार रात कमरे में रस्सी का फंदा गले में डालकर फांसी लगा ली। सुबह पिता ने उसे लटका देखा तो आसपास के लोगों को बुलाया। पुलिस के पहुंचने पर सामने आया कि जितेन्द्र मजदूरी करता था और शराब पीने का आदी था। उससे परिवार काफी परेशान था, एक दिन पहले ही उसकी पत्नी मायके गई है, जो फैक्ट्री में काम कर परिवार का पालन पोषण कर रही थी।

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