तारीख पर तारीख……. तबादला नीति को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल रही

उज्जैन। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग तो हुई परंतु ड्राफ्ट प्रस्तुति नहीं किया गया। पहले सोचा था लोकसभा चुनाव के बाद ट्रांसफर होंगे, फिर खबर आई 15 अगस्त के बाद होंगे।

पिछले दो सप्ताह से तो “इस बार मंजूरी” की खबर चल रही है। कुल मिलाकर तारीख पर तारीख मिल रही है परंतु तबादला नीति को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल रही है। कर्मचारियों को इंगेज बनाए रखने के लिए अब एक नया समाचार आया है। वायरल न्यूज़ में बताया गया है कि, नई तबादला नीति को जल्द ही लागू किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस नई नीति का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सचिवालय में भी अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है। नई तबादला नीति में बहुत से प्रावधान पुराने होंगे, लेकिन इसमें एक नया और प्रावधान है कि इसमें कैबिनेट मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री को भी तबादले करने का अधिकार दिया है। इस नई तबादला नीति में कैबिनेट मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री 20 फीसदी तक अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले कर सकेंगे। नई नीति 15 अक्टूबर से 15 दिन के लिए लागू होगी। मध्यप्रदेश में पिछली बार सन 2022 में कर्मचारियों के ट्रांसफर हुए थे। उसके बाद विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव और उसके बाद नए मुख्यमंत्री का पुराने मुख्यमंत्री से कंपटीशन के कारण कर्मचारियों के ट्रांसफर टलते रहे। 15 अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की घोषणा हुई। तब सबको पक्का विश्वास हो गया था कि अब तो ट्रांसफर पॉलिसी लागू हो जाएगी। कुछ नहीं हुआ। 3 सितंबर की मीटिंग में मंत्री परिषद के ठप्पे की गारंटी थी, लेकिन सिर्फ चर्चा हुई। कहा गया कि, भाजपा का सदस्यता अभियान शुरू हो गया है। यदि कर्मचारियों के ट्रांसफर शुरू हो गए तो भाजपा की सदस्यता का टारगेट मिस हो जाएगा। इस बार संगठन मंत्रियों ने कर्मचारियों के ट्रांसफर पेंडिंग करवा दिए।

 

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