बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो अब उपभोक्ताओं को हर्जाना

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इंदौर। मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। शिकायत करने के बाद तय समय सीमा में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो अब उपभोक्ताओं को हर्जाना मिलेगा। शहरी क्षेत्र में चार घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे में सुधार करना ही होगा।

इसी तरह बिल बांटने में देरी, मीटर, ट्रांसफार्मर खराबी की शिकायत का निराकरण समय पर नहीं होने पर भी उपभोक्ता हर्जाना मांग सकेंगे। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने क्षतिपूर्ति मानदंड लागू कर दिए हैं। इस माह के बिजली बिलों के साथ उपभोक्ताओं को लागू मानदंड की सूची भी भेजी जा रही है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इंदौर की बिजली कंपनी ने सबसे पहले मानदंड तैयार किए हैं। साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। बिल में सुधार की शिकायत का निराकरण उसी दिन हो जाएगा। अतिरिक्त जानकारी चाहिए, तो पांच दिन के भीतर बिल सुधार करना होगा। इसी तरह नए कनेक्शन देना, फेज परिवर्तन करने से लेकर तमाम कार्यों में समय सीमा का बंधन और क्षतिपूर्ति का नियम लागू कर दिया है। उपभोक्ता को अंतिम तिथि के कम से कम 10 दिन पूर्व तक बिल नहीं मिला है, तो भी हर्जाने की मांग की जा सकेगी। सेवा में देरी पर उपभोक्ता क्षतिपूर्ति राशि पाने के लिए दावा कर सकेंगे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग समय सीमा लागू की गई है। कर्मचारियों और इंजीनियर की कमी से जूझ रही कंपनी के लिए इसका पालन चुनौती से कम नहीं। वर्षों से लाइन स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है।

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