अमनाक दवाओं से मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़

0

इंदौर-उज्जैन। प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ ही इंदौर उज्जैन मंे संचालित सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को निःशुल्क दवाईयां दी जाती है और इसके लिए सरकार भी बड़ी राशि खर्च कर दवाईयों का स्टॉक पहुंचाती है लेकिन जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इस वर्ष भी अभी तक 13 से अध्कि दवाईयां ऐसी मिली है जो अमानक स्तर की है अर्थात मरीजों की सेहत के साथ सीधे-सीधे खिलवाड़….!
सैंपलों की जांच में इसकी पुष्टि हुई
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी में दवा का पावडर कम मिला है, किसी में दूसरी कमियां सामने आई हैं। अलग-अलग जिलों के सरकारी अस्पतालों से विभिन्न लैब में भेजे गए सैंपलों की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। एंटीबायोटिक जेंटामाइसिन और सेफोटैक्सिम सहित चार दवाएं तो अकेले जुलाई माह में गुणवत्ता जांच में फेल पाई गई हैं। साल 2023 में पांच दवाएं ही अमानक मिली थीं। उनमें एंटीबायोटिक भी शामिल थीं। एंटीबायोटिक दवाएं संक्रमण खत्म करने के लिए होती हैं। इनके अमानक होने पर संक्रमण कम होने की जगह बढ़ सकता है। सैंपल फेल होने के बाद मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉर्पोरेशन दवाओं का वितरण रोकने के लिए जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को अलग-अलग तारीख में पत्र लिख चुका है। इसके साथ ही कंपनी से उस दवा की आपूर्ति पर दो से चार वर्ष के लिए रोक लगा दी है। ये दवाएं मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों से लेकर, जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में मरीजों को निश्शुल्क दी जाती हैं। डॉक्टर बाजार की दवा रोगी को नहीं लिख सकते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed