अब प्रदेश सरकार सर्कुलर इकोनॉमी पर जोर देगी

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भोपाल। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा भारत में निकलता है। इसलिए अपशिष्ट प्रबंधन पर काम किया जा रहा है, जिससे इसके दुष्प्रभाव को कम कर सकें। अब प्रदेश सरकार सर्कुलर इकोनॉमी पर जोर देगी। इनमें किसी एक इंडस्ट्री के कचरे को किसी दूसरे इंडस्ट्री के लिए रॉ मटेरियल बनाया जाएगा। इसमें सौ प्रतिशत कचरे के उपयोग पर काम किया जाएगा।

सभी विभागों को कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है, जो उद्योगों के साथ मिलकर प्लान तैयार करेंगे। सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में सामान्य दरों पर जगह उपलब्ध कराएगी। सभी तरह के कचरों का हिसाब-किताब किया जाएगा। अभी तक सिर्फ प्लास्टिक कचरे के हिसाब किताब पर सरकार का ज्यादा जोर होता है। सरकार के सामने अब सोलर ई-वेस्ट एक बड़ी चुनौती सामने है। प्रदेश में जिस तरह से सोलर क्रांति चल रही है उससे यहां बहुत सोलर वेस्ट निकाल सकता है। प्रदेश में पिछले 5-7 सालों के अंदर खराब सोलर पैनलों की संख्या बहुत ज्यादा होगी। इसके री-यूज पर काम किया जा रहा है।
री-साइकिल कर सामग्री तैयार करने पर काम होगा
हर तरह के कचरे को री-साइकिल कर सामग्री तैयार करने पर काम होगा। सरकार का मानना है कि अगर कचरे का उपयोग नहीं किया गया तो इसका ढेर लगने लगेगा, जो एक अलग तरह की चुनौती बनकर सामने आएगा। हालांकि कुछ कचरे का उपयोग हो रहा है । उद्योगों को कचरे के उपयोग की अनिवार्यता होगी। कोई भी उद्योग इसे लेने के लिए मना नहीं कर सकेगा। इसके अलावा इसके उपयोग के लिए सरकार अलग-अलग तरह से अनुदान देने का काम करेगी। इसके संग्रहण के लिए भी अलग तरह की एजेंसियों को लाइसेंस जारी किया जाएगा।

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