डिजिटल परिदृश्य में हिन्दी भाषा का महत्व रेखांकित

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इंदौर। भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर में आयोजित हिन्दी दिवस के अवसर पर विद्वानों ने विचार मंथन कर हिन्दी के विकास की बात एक बार फिर की। कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने किया। उन्होंने तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित किया।

प्रो. राय ने भाषाओं की संस्कृति और पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को भाषा के माध्यम से संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया। प्रो. राय ने आज के युवाओं में नैतिकता की कमी को लेकर चिंता जताई और हिंदी के माध्यम से नैतिकताओं और मूल्यों को दिशा प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भाषा को समाज का मार्गदर्शक मानते हुए इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। ब्रजेश कुमार सिंह ने हिंदी लेखकों की भूमिका और डिजिटल क्षेत्र में हिंदी के बढ़ते उपयोग पर बात की। पाणिनि आनंद ने हिंदी पत्रकारिता और साहित्य के ऐतिहासिक संबंध पर विचार किया और डिजिटल बूम के प्रभाव पर चर्चा की। प्रभाष झा ने संचार में स्पष्टता के महत्व और हिंदी पत्रकारिता के साहित्यिक संबंध पर प्रकाश डाला। राजेश उपाध्याय ने डिजिटल पत्रकारिता की परिवर्तनकारी शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि भाषा की प्रासंगिकता बरकरार है। समारोह के दौरान वार्षिक हिंदी पत्रिका “ज्ञान शिखर” का विमोचन भी किया गया, जिसमें आईआईएम इंदौर समुदाय की रचनाएं शामिल थीं। हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित अंताक्षरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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