जानिए कब से शुरू हो रहा है श्राद्ध पक्ष

श्राद्ध पक्ष की शुरूआत 18 सितंबर से होगी। हालांकि ज्योतिषियों का यह कहना है कि एक तिथि का क्षय हो रहा है। ज्योतिषियों ने बताया कि पूर्वजों को समर्पित पितृपक्ष भाद्रपद पूर्णिमा 18 सितंबर बुधवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करेंगे।

शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध से तृप्त होकर पितृ गण समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हैं। इसके अतिरिक्त, श्राद्धकर्ता से विश्वेदेव गण, पितृ गण, मातामह, तथा कुटुंबजन सभी संतुष्ट रहते हैं। पितृ पक्ष में पितृ लोग स्वयं श्राद्ध लेने आते हैं तथा श्राद्ध मिलने पर प्रसन्न होते हैं। पितृपक्ष में गया श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार, गया में श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान करने से व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है। स्वयं भगवान राम और माता सीता गया जी आए थे और पिता महाराज दशरथ को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया था। तब से परंपरा चली आ रही है। भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पूरे 15 दिन पूर्वजों के लिए तर्पण करने का विधान है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का आगमन 17 सितंबर मंगलवार को दिन में 11 बजे हो रहा है, जो 18 सितंबर बुधवार को दिन में 8.41 बजे समाप्त हो जाएगा। इसी दिन यानी 18 सितंबर दिन से महालया शुरू होगा व लोग पितरों को तर्पण देना शुरू करेंगे। पूर्णिमा से अमावस्या तक 15 दिन जल देने का विधान है।