निगम मंडलों और प्राधिकरणों में नियुक्तियों के लिए सूची तय…! बीजेपी नेताओं को किया जाएगा उपकृत

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उज्जैन। सूबे की मोहन सरकार ने निगम मंडलों के साथ ही प्राधिकरणों में भी राजनीतिक नियुक्यिां करने की कवायद शुरू की है। बताया गया है कि प्रदेश के साथ ही उज्जैन विकास प्राधिकरण के लिए भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पदों पर बीजेपी नेताओं के नाम तय कर सूची बना ली गई है।
पार्टी सूत्रों की माने तो प्रदेश में संगठन के सदस्यता अभियान के पहले यह नियुक्ति नहीं करने का पहले ही तय किया जा चुका है। दरअसल प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही विभिन्न निगम- मंडल, प्राधिकरण, आयोग और समितियों सहित अन्य उपक्रमों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति लंबित हैं। पार्टी सूत्रों  की मानें तो इन नियुक्तियों को लेकर संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं व नेताओं की सूचियां भी तैयार कर ली गई हैं। इस खबर के बाद से ही दावेदार लगातार सक्रिय बने हुए हैं। इसकी वजह से ही दावेदार भोपाल तो ठीक दिल्ली तक की परिक्रमा लगाने में पीछे नही रह रहे हैं।

फरवरी में मोहन सरकार ने निगम- मंडल और प्राधिकरणों में पदासीन 46 मंत्रियों का दर्जा पाए नेताओं की नियुक्ति निरस्त कर दी थीं। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि जो बोर्ड रह गए हैं, उनकी नियुक्तियां भी निरस्त होंगीं, पर संगठन स्तर पर विचार के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि विभिन्न समाजों से जुड़े बोर्डों की नियुक्तियां निरस्त नहीं की जाएंगी।चुनाव के बाद ऐसा माना जा रहा था कि सभी लोकसभा की 29 सीटें जीतने का रिकार्ड बनने के बाद सियासी नियुक्तियों के जरिए भाजपा नेताओं को उपकृत किए जाने का सिलसिला शुरू होगा। लेकिन साढ़े तीन महीने बीत गए दावेदार नेताओं का इंतजार लंबा हो गया। निगम-मंडल, आयोग, प्राधिकरण, एल्डरमैन, शासकीय अधिवक्ता, कॉलेजों की जनभागीदारी समितियां एवं अंत्योदय समितियों में नियुक्तियां होंगी। सहकारिता में हजारों कार्यकर्ता एडजस्ट होंगे। इनमें प्राथमिक समिति, जिला सह. बैंक, बीज निगम, लघु वनोपज, आवास संघ, विपणन संघ और उपभोक्ता संघ जैसे उपक्रम है। हाल ही कई निगम मंडलों का प्रभार विभागीय मंत्रियों को दिया गया है। इससे राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं और नेताओं की उम्मीद बढ़ गई हैं। शिव सरकार में भाजपा के पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को निगम-मंडल में पदस्थ कर मंत्री दर्जा दिया गया था। लेकिन पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद इन नेताओं को हटा दिया गया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन सभी पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को एक बार और अवसर देकर निगम में तैनात किया जाएगा।

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