वैध कराया जा सकेगा अवैध निर्माण को….निगम को हुई करोडो की आय

उज्जैन-इंदौर। इंदौर उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों में अवैध निर्माण को वैध कराया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए संबंधितों को तय शुल्क जमा कराना होगा और इसके चलते निगम को करोड़ो की आय होगी। हालांकि इसके पहले भी इंदौर, भोपाल आदि में निगमों को करोडो की आय हो चुकी है।
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में जो आवासीय और व्यावसायिक निर्माण भवन अनुज्ञा में प्राप्त निर्धारित सीमा से अधिक हुए हैं, उन्हें वैध करवाने का एक अवसर और सरकार देगी। अभी 31 अगस्त तक इसकी अनुमति दी गई थी। इस अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने विभागीय मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा है।

यह व्यवस्था निकायों की आय में वृद्धि के लिए मददगार सिद्ध हुई है। मध्य प्रदेश नगर पालिका अनुज्ञा के बिना भवनों के संनिर्माण के अपराधों का प्रशमन, शुल्क एवं शर्त) नियम 2016 में अनुज्ञा से अधिक दस प्रतिशत तक निर्माण को वैध किए जाने का प्रावधान है। विधानसभा चुनाव के समय नियम में संशोधन करके सीमा 30 प्रतिशत तक निर्धारित कर दी गई थी।
इससे इंदौर, भोपाल सहित अन्य नगरीय निकायों को करोड़ों रुपये प्राप्त हुए। इस वर्ष अनुमति से 30 प्रतिशत तक अधिक आवासीय और व्यावसायिक निर्माण को वैध कराने की सुविधा नियम में संशोधन कर 31 अगस्त 2024 तक दी गई थी।

12 प्रतिशत बराबर लगेगा शुल्क

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि भवन के 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक अनधिकृत निर्माण ही वैध किया जा सकेगा। इसके लिए संबंधित क्षेत्र की कलेक्टर गाइड लाइन द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य की दर का 12 प्रतिशत के बराबर शुल्क लेकर निर्माण वैध किया जा सकेगा। भवन के व्यावसायिक उपयोग के मामले में यह शुल्क 18 प्रतिशत लगेगा।

15 दिन में हो रही समीक्षा

नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास आयुक्त भरत यादव प्रत्येक 15 दिवस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी निकायों के अधिकारियों से चर्चा करके जानकारी लेते हैं। उनका कहना है कि जल कर, संपत्ति कर सहित अन्य करों के माध्यम से निकायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।