मासूम की मौत पर रात 1 बजे तक चरक भवन में परिजनों का हंगामा – निष्पक्ष जांच और सभी मांग मानने पर भी खड़े रहे परिजन

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उज्जैन। चरक भवन की प्रथम मंजिल पर पीआईसीयू में उपचार के लिए भर्ती 6 माह की मासूम की मौत होने पर रात 10:30 बजे परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर के गलत उपचार से मौत हुई है उसे बुलाया जाए। हंगामे की खबर पर चार थानों की पुलिस का बल चरक भवन पहुंच गया था। रात 1 बजे पुलिस को सख्त एक्शन लेना पड़ गया।

आगर रोड पर मंगल सागर कॉलोनी में रहने वाले मनोहर विश्वकर्मा की 6 माह की पुत्री शिवानी को सोमवार शाम चरक भवन उपचार के लिए लाया गया था। शिवानी को बुखार और उल्टी दस्त होना बताया गया। उसे उपचार के लिए भर्ती किया गया मंगलवार दोपहर शिवानी की हालत में सुधार नहीं होता देख कर डॉक्टर ने पीआइसीयू भर्ती किया गया। उसकी हालत में सुधार नहीं आने पर शाम को एक्स-रे कराया गया जिसकी रिपोर्ट आने पर मासूम शिवानी को गंभीर बीमारी होना सामने आई उसे वक्त तक काफी देर हो चुकी थी रात 9:30 बजे मासूम शिवानी की मौत हो गई है। खबर सुनते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया कुछ देर में ही रिश्तेदार और परिचित भी चरक भवन पहुंच गए। हंगामा की खबर लगते ही सीएसपी ओपी मिश्रा कोतवाली थाना स्टाफ के साथ चरक भवन पहुंच गए। परिजन इस बात पर आए हुए थे कि गलत उपचार किया गया है डॉक्टर को बुलाया जाए। हंगामा बढ़ता देख खाराकुआं, जीवाजीगंज और चिमनगंज थाना पुलिस का बल भी चरक भवन पहुंच गया लेकिन परिजन मासूम को गोद में लेकर बैठे रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव, आरएमओ डॉ. नितराज गोड भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझने का प्रयास किया लेकिन देर रात तक हंगामा जारी रहा।

 

पुलिस द्वारा परिजनों को मामले की शिकायत दर्ज कराने और पोस्टमार्टम करने की बात कही लेकिन परिजनों की जिद थी कि डॉक्टर को बुलाया जाए वह पोस्टमार्टम नहीं करायेगे। रात 12 बजे तक चरक भवन में हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। उसके बाद परिजनों ने उपचार करने वाले डॉक्टर को निलंबित करने की मांग शुरू कर डी। परिजनों की मांग को आरएमओ ने मानते हुए बुधवार शाम तक का वक्त मांगा वही पुलिस ने परिजनों को शिकायत दर्ज करने के लिए कोतवाली थाने भेजा। अस्पताल प्रशासन और पुलिस परिजनों की सभी बात मानकर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दे रही थी मौजूद इसके परिजन चरक भवन से जाने को तैयार नहीं थे। उनके हंगामे से अस्पताल में भर्ती अन्य मासूमों के परिजन भी परेशान होने लगे थे जिसको देखते हुए रात 1 बजे पुलिस ने सख्त एक्शन लिया और परिजनों को चरक भवन की पहली मंजिल से बाहर कर दिया कुछ युवकों ने हंगामा बढ़ने की कोशिश की जिन्हें सख्त लहजे में समझाया गया और घर जाने के लिए कहा। अस्पताल प्रशासन ने मृतक मासूम और उसके परिजनों को घर भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की।

 

मासूम का बढ़ा हो रहा था दिल
परिजनों के हंगामा की खबर लगने पर मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक पटेल भी चरक भवन पहुंच गए थे उन्होंने मासूम के संबंध में डॉक्टर से जानकारी ली इस दौरान सामने आया कि मासूम को परिजन उल्टी दस्त और बुखार की शिकायत लेकर आए थे लेकिन मासूम की हालत देख भर्ती किया गया था। उसकी स्थिति गंभीर होने पर स-र कराया गया जिसमें सामने आया कि उसे बचपन से गंभीर बीमारी थी और हार्ट (दिल) का साइज बढ़ रहा था। परिजनों ने उसका सही उपचार करने में काफी देर कर दी थी बावजूद इसके डॉक्टर ने मासूम को बढ़ाने की कोशिश की लेकिन नहीं बचाया जा सका। परिजनों ने गलत उपचार करने का आरोप लगाया है इसको लेकर जांच की जाएगी अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव का कहना था कि परिजनों की शिकायत पर जांच होगी अगर पोस्टमार्टम कराया जाता तो गलत उपचार करने के आरोप की सही स्थिति स्पष्ट होती।

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