निजी स्कूल स्टाफ,नहीं किसी के पास जानकारी खास -बस चालक,गार्ड,माली,क्लीनर सहित अन्य स्टाफ का नहीं पुलिस वेरिफिकेशन

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उज्जैन। स्कूलों में पढने वाले मासूम बच्चों के साथ आए दिन निंदनीय घटनाएं होना और सूना जाना आम है। इसके विपरित निजी स्कूल स्टाफ की पूरी जानकारी खूद स्कूल के पास ही पर्याप्त नहीं है। ऐसे स्कूलों में रखे जाने वाले बस चालक,स्कूल प्यून के साथ ही अन्य स्टाफ चौकीदार आदि का कोई पुलिस वेरिफिकेशन की स्थिति जिले में सामने नहीं आ रही है। इसे लेकर सजगता एवं सतर्कता रखी जाना आवश्यक बन पडा है।प्रदेश की राजधानी सहित कुछ जिलों में हाल ही में हुई घटनाओं में यह बात सामने आई है कि निजी स्कूलों में स्टाफ रखते समय किसी प्रकार का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं देखा जाता है। सिफर्‍ कर्मचारी को अपने स्तर पर रख लिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों के निजी स्कूलों में यह स्थिति ज्यादा खराब है। दिहाडी पर रखे जाने वाले इस स्टाफ की जानकारी भी पर्याप्त तौर पर शिक्षा विभाग को नहीं दी जाती है। ऐसे में दिहाडी के इन कर्मचारियों को लेकर पर्याप्त जानकारी भी ऐसे स्कूल नहीं रखते हैं। स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की जानकारी तो शिक्षा विभाग को देने के स्तर पर रखी जाती है लेकिन ठेके में ली गई बसों एवं अन्य वाहनों के चालकों के साथ ही चौकीदारों एवं अन्य स्टाफ का पूरा विवरण दिहाडी पर ही दिखाया जाता है उसके पीछे कारण श्रम कानून के दायरे से बचना रहता है।होना चाहिए पुलिस वेरिफिकेशन-जिले के शासकीय विद्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों का नौकरी के समय ही पुलिस सत्यापन का काम होता है। निजी विद्यालयों में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। आए दिन देश प्रदेश में हो रहे घटनाक्रमों को देखते हुए जिले के निजी विद्यालयों में कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षिणक स्टाफ का चारित्रिक एव पुलिस वेरिफिकेशन किया जाना समय की मांग के रूप में सामने आ रहा है। स्कुलों में केयर टेकर, कम्पयूटर आपरेटर आदि, गैर शैक्षणिक स्टाफ गार्ड, सफाई कर्मी, माली ,बस ड्रायवर, कंडेक्टर, क्लिनर, विद्युत कर्मी आदि का पुलिस चारित्रिक सत्यापन को लेकर सजगता और सतर्कता दिखाना जरूरी हो गया है।भोपाल में हुए आदेश –राजधानी में हुए घटनाक्रम के बाद स्कूलों को आदेशित किया गया है कि शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक  सभी का पुलिस चारित्रिक सत्यापन किया जाना अनिवार्य है, अगर कोई इससे अछूता है तो तत्काल ही अगर कोई वगैर सत्यापन के कार्यरत है तो तुरन्त दो दिवस में कराये । किसी भी स्थिति में ऐसे किसी भी व्यक्ति को जिसका चारित्रिक रिकार्ड ठीक नहीं हो या अपराधिक प्रवृति का कोई रिकार्ड रहा हो उसे शाला के किसी कार्य में संलग्न न किया जाए। डीपीसी के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इसे सुनिश्चित कर उक्त आशय का एक प्रमाण पत्र कार्यालय में बीआरसी के माध्यम से दो दिन में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें।

 

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