मध्यप्रदेश का बजट सत्र शुरू राज्यपाल का अभिभाषण : बजट 9 मार्च को पेश होगा… विधायकों ने लगाए 4518 सवाल

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज से बजट सत्र की शुरूआत हो गई। इस सत्र में विधायकों के 4 हजार 518 सवाल लगे है। कुल 125 ध्यानाकर्षण है। चार स्थगन प्रस्ताव, 41 संकल्प, शून्यकाल की 19 सूचनाएं है। सदन की 13 बैठकें होगी।

सरकार चर्चा को तैयार,पर नेता प्रतिपक्ष रहते ही नहीं

इससे पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सदन को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह और विधानसभा पीएस एपी सिंह समेत अन्य नेता व अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि बजट सत्र काफी महत्वपूर्ण है। इसमें जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो। बिना किसी व्यवधान के प्रश्नकाल चले। बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ ने किसान, गोहत्या, पुरानी पेंशन बहाली और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा कराने का मुद्दा उठाया। इसको लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि किस विषय पर किस रूप में चर्चा कराई जाए। यह बजट सत्र 25 मार्च तक चलेगा। 9 मार्च को बजट पेश होगा।

संसदीय कार्यमंत्री बोले- नेता प्रतिपक्ष पूरे समय मौजूद रहें

मीडिया से चर्चा करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा- हमने पिछली बार पूरे पांचों दिन सत्र चलाया था। विपक्ष नहीं रहेगा तो मैं क्या करूंगा। हमने आग्रह किया कि नेता प्रतिपक्ष पूरे समय रहें। वे पिछले सत्रों में भी नहीं रहे। जो रहते हैं, उन्हें जिम्मेदारी देनी चाहिए। सत्र तो ठीक से चले। न तो खुद रहते हैं और न ही दूसरों को जिम्मेदारी देते हैं। इस पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि उन्हें पूरे समय रहने की जरूरत नहीं है। हमारे पास कई क्षमतावान सदस्य हैं, जो सबकुछ संभाल लेते हैं।

नेता प्रतिपक्ष बनने के सवाल पर गोविंद सिंह बोले- कौन मना करेगा

मीडिया से चर्चा के दौरान नरोत्तम मिश्रा के साथ विपक्षी दल के नेता व पूर्व मंत्री गोविंद सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि कमलनाथ के पास मप्र के साथ अन्य प्रदेशों की जिम्मेदारी भी है। उस समय उन्हें जाना होता है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के सवाल पर कहा कि कौन मना करेगा।

Author: Dainik Awantika