दिल्ली कैंप से पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी को फ्री हैंड, प्रदेश प्रभारी से भी हुआ आपसी समझोता
फुलछाप कांग्रेसी बागड़ी को अध्यक्ष बनाया तो होंगे कई इस्तीफे
इंदौर। इस बात के स्पष्ट संकेत मिल गए हैं कि प्रदेश कांग्रेस के गठन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को तवज्जो मिलेगी। इस संबंध में राहुल गांधी ने प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को इशारा कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी के बीच अंतरिम समझौता भी हो गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विजयादशमी के पहले कभी भी कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की सूची आ सकती है। जीतू पटवारी ने कोशिश की है कि प्रदेश की कार्यकारिणी 100 से अधिक सदस्यों की ना हो। हालांकि सूत्र कह रहे हैं कि संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता ,क्योंकि दिग्विजय सिंह ने लगभग 200 सदस्यों की एक सूची सौंपी है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी गुरुवार को नई दिल्ली में थे।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने वहां कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से पीसीसी के गठन के बारे में चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही पीसीसी का गठन हो जाएगा। प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी के साथ ही जीतू पटवारी ने करीब 12 जिलों के अध्यक्षों को बदलने की सूची भी दी है।
इसमें इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष और इंदौर जिला ग्राम ग्रामीण अध्यक्ष के पद भी शामिल हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर के शहर कार्यालय गांधी भवन में गुलाब जामुन खिलाकर स्वागत करने को लेकर विवाद में आ गए थे।
खास तौर पर प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह उस घटनाक्रम से बेहद नाराज हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस सुरजीत सिंह चड्डा और सदाशिव यादव को 7 दिनों के लिए निलंबित भी कर चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि दोनों को हटाया जा रहा है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर अनेक नाम हैं, जिनमें कुछ नाम सज्जन सिंह वर्मा और अरुण यादव के समर्थकों के भी हैं। सूत्रों का कहना है कि इंदौर शहर और इंदौर ग्रामीण अध्यक्ष के पद पर जीतू पटवारी की ही चलेगी,क्योंकि इंदौर जिला उनका गृह क्षेत्र है।
जीतू पटवारी ने भी कांग्रेस आलाकमान से यही कहा है कि चूंकि इंदौर उनके गृह क्षेत्र है इसलिए यहां का फैसला उनके हिसाब से होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी में भी जीतू पटवारी की ही चलेगी। उनके समर्थकों का कहना है कि जीतू पटवारी और भंवर जितेंद्र सिंह के बीच पैचअप भी हो गया है।
सूत्रों के अनुसार जीतू पटवारी ने सुरजीत सिंह चड्डा की जगह अरविंद बागड़ी और सदाशिव यादव की जगह राधेश्याम पटेल का नाम दिया है। हालांकि विवादित और खराब छवि होने की वजह से अरविंद बागड़ी का विरोध किया जा रहा है।
अरविंद बागड़ी के खिलाफ यह भी शिकायत की गई है कि वो फूल छाप कांग्रेसी हैं। जब भी अवसर मिलता है अरविंद बागड़ी भाजपा नेताओं को प्रमोट करते हैं। हाल ही में उन्होंने अग्रसेन जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रमों में गोलू शुक्ला की पत्नी को बुलाया।
अरविंद बागड़ी के मंचों पर अक्सर भाजपा नेता दिखाई देते हैं। इसके अलावा उनके भू माफिया होने और कथित तौर पर धोखाधड़ी में लिप्त होने की शिकायतें भी की गई हैं।
स्वर्गीय रामेश्वर पटेल के पुत्र राधेश्याम पटेल के बारे में कोई विवाद नहीं है। माना जा रहा है कि ग्रामीण जिले की कमान उन्हें सौंपना निश्चित हो चुका है।