इंदौर और उज्जैन की विकास गतिविधि पर सीधे सचिवालय की नजर

 

प्रदेश के लिए दोनो ही जिले महत्वपूर्ण

एक धार्मिक नगरी, तो दूसरी आर्थिक राजधानी

इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन के हैं। जबकि इंदौर का प्रभार उन्होंने प्रभारी मंत्री के रूप में ले रखा है। इसलिए इंदौर और उज्जैन की निगरानी सीएमओ यानी मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा सीधे रखी जा रही है।
यहां की प्रत्येक राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को सीधे मिल जाती है। इसका लाभ भी इंदौर को मिल रहा है।
दरअसल, मध्यप्रदेश में इन दिनों मुख्यमंत्री सचिवालय जितना मजबूत है, उतना पहले कभी नहीं रहा।
डॉ. राजेश राजौरा जैसे अनुभवी अफसर वहां अपर मुख्य सचिव की भूमिका में हैं। वहीं, कामकाज की अच्छी समझ रखने वाले संजय शुक्ला प्रमुख सचिव की भूमिका में हैं।
नौकरशाही और जनप्रतिनिधियों के बीच अच्छे तालमेल के लिए ख्यात राघवेंद्र सिंह भी यहां अहम भूमिका में हैं। संघ के तीन दिग्गज लोकेश शर्मा, मनीष पांडे और लक्ष्मण सिंह मरकाम का रोल जनता से जुड़े सरकार के कामकाज में अहम है।
इसी मजबूत सीएमओ के सहारे मंत्रियों के साथ ही आला नौकरशाहों के काम की भी सख्त मॉनिटरिंग हो रही है। अच्छी बात यह है कि परफार्मेस ओरिएंटेड वर्किंग में भरोसा रखने वाले अनुराग जैन अब प्रदेश के मुख्य सचिव की भूमिका में हैं।
मैदान में असर जल्दी ही देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि आने वाले एक वर्ष में इंदौर और उज्जैन जिले की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी।