101 फीट ऊंचे 3 रावणों के पुतलों का होगा दहन, विजयादशमी पर दशहरा मैदान आयेगी बाबा महाकाल की पालकी
ब्रह्मास्त्र उज्जैन]
वर्ष में एक बार विजयादशमी पर बाबा महाकाल की पालकी फ्रीगंज ब्रिज पार करती है। 12 अक्टूबर की शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से बाबा की पालकी धूमधाम के साथ ब्रिज पार कर दशहरा मैदान पहुंचेगी। इसी दिन शहर में दशहरा मैदान, कार्तिक मेला ग्राउंड और भैरवगढ़ क्षेत्र में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतलों का दहन किया जायेगा।
बुराई पर अच्छाई का पर्व विजयादशमी रावण दहन के साथ मनाया जाता है। धार्मिक नगरी में रावण दहन की शुरूआत 61 वर्ष पूर्व दशहरा मैदान से हुई थी, जहां रावण दहन से पहले बाबा महाकाल की पालकी पहुंची है। दशहरा मैदान पर शमी वृक्ष का पूजन होता है और बाबा की पालकी पुन: मंदिर लौट आती है। 12 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व होने पर शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से बाबा चांदी की पालकी में विराजित होकर फ्रीगंज ब्रिज को पार कर दशहरा मैदान पहुंचेगें। जिसकी तैयारियां मंदिर प्रबंध समिति के साथ प्रशासन ने शुरू कर दी है। वर्ष में एक बार बाबा महाकाल नये शहर में आते है, जिसको लेकर भक्तों में काफी उत्साह होता है। महाकाल मंदिर से बाबा की पालकी देवासगेट पहुंचेगी, जहां से चामुंडा माता चौराहा होते हुए फ्रीगंज ब्रिज को पार कर टॉवर चौक, शहीद पार्क पुलिस कंट्रोलरूम के सामने से दशहरा मैदान आयेगी। इस सवारी मार्ग पर सैकड़ो की संख्या में बाबा के स्वागत के लिये मंच लगाये जायेगें। दशहरा मैदान पर प्रशासन की ओर से कलेक्टर द्वारा पूजन किया जायेगा। उसके बाद सवारी वापस फ्रीगंज ब्रिज का पार कर पुराने शहर के संख्याराजे धर्मशाला के सामने से देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज होते हुए मंदिर लौटेगी। सवारी मार्ग पर पुलिस सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेगें।
आतिशबाजी के साथ होगा रावण दहन
दशहरा मैदान पर 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन भव्य आतिशबाजी के साथ किया जायेगा, इस परंपरा को 61 वर्षो से खत्री परिवार निभाता आ रहा है। खत्री परिवार स्व. लाला अमरनाथ की स्मृति में आयोजन करता है। दशहरा मैदान के साथ ही क्षिप्रा नदी के तट कार्तिक मेला ग्राउंड पर स्व. प्रेमनारायण यादव की स्मृति में रावण दहन का आयोजन होगा। इस परंपरा को यादव परिवार के चतेन यादव द्वारा पुराने शहरवासियों के लिये पिछले 25-30 वर्षो से निभाया जा रहा है। कार्तिक मेला ग्राउंड पर रावण दहन से पहले भगवान बृहस्पति की सवारी पहुंचेगी। जिसका पूजन संभागायुक्त द्वारा किया जायेगा। दशहरा मैदान और कार्तिक मेला ग्राउंड पर तैयार हो रहे 101 ऊंचे रावण के पुतलों को रामलखन कहार अपनी टीम के साथ तैयार कर रहे है। 12 अक्टूबर को रात 8 बजे भैरवगढ़ क्षेत्र में श्रीराम नवयुवक मंडल की ओर से 101 फीट का रावण दहन किया जायेगा। मंडल के प्रमुख संजय कोरट ने बताया कि रावण दहन का 27 वां वर्ष है। कार्यक्रम में सभी जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा। रावण के पुतले का निर्माण राजेन्द्र चावडा द्वारा किया जा रहा है आतिशबाजी देवास के छोटे खां और आरिफ खां द्वारा की जायेगी।
बासी दशहरा पर शास्त्रीनगर में होगा दहन
शहर में रावण दहन की परंपरा 2 दिनों की थी, जो अब चार से पांच दिनों की हो चुकी है। विजयादशमी के दूसरे दिन बासी दशहरा पर रावण दहन का मुख्य आयोजन शास्त्रीनगर ग्राउंड पर होगा। यहां जयसिंह दरबार मित्र मंडली कई सालों से चलती रावण के पुतले का दहन कर रही है। यहां का रावण सबसे आकर्षण का केन्द्र होता है। पूरा शहर इसमें शामिल होने पहुंचता है। शास्त्रीनगर के साथ नानाखेड़ा, मक्सीरोड, नागझिरी और अंकपात मार्ग पर भी रावण दहन होगा। तीसरे दिन गुरूवारिया हाट के साथ कुछ अन्य स्थानों पर भी रावण दहन की परंपरा का निभाया जायेगा।