महाकुंभ-2025 का लोगो जारी, धार्मिक और आर्थिक समृद्धि का संदेश दे रहा लोगो

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दैनिक अवन्तिका लखनऊ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ-25 के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया है। महाकुंभ-25 का यह लोगो धार्मिक और आर्थिक समृद्धता के संदेश का एक प्रेरणादायक स्रोत है, जिसमें समुद्र मंथन में निकले अमृत कलश को महाकुंभ के लोगो में दशार्या गया है। मंदिर, द्रष्टा, कलश और अक्षयवट के साथ ही हनुमान जी की छवि से युक्त महाकुम्भ का यह लोगो सनातन सभ्यता में शामिल प्रकृति और मानवता के संगम के साथ ही आत्म जागृति और जनकल्याण के अनंत प्रवाह का भी प्रतीक है।

लोगो जारी करने के पूर्व मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी स्टीमर से संगम तट पर पहुंचकर उन्होने महाकुंभ के निर्विघ्न निष्पादन के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा पूजन किया। गंगा पूजन के बाद सीएम योगी ने बड़े हनुमान जी का दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेते हुए बंधवा स्थित हनुमान मंदिर कॉरिडोर और अक्षयवट कॉरिडोर का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होने परेड मैदान स्थित गंगा पंडाल में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संतों के साथ बैठक की। फिर वह महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इसी बैठक में महाकुंभ-2025 का लोगो जारी गया।

यह है कुंभ के लोगो में खासियत
कुंभ मेला को तीर्थयात्रियों की दुनिया की सबसे बड़े शांतिपूर्ण आयोजन के रूप में माना जाता है. महाकुम्भ में देश भर से सभी संप्रदायों के साधु-संत बड़ी संख्या में शामिल होते हैं, जिन्हें लोगो में एक साधु द्वारा महाकुंभ के लिए शंखनाद करते दिखाया गया है। वहीं दो साधुओं को प्रणाम की मुद्रा में दशार्या गया है। इसके अलावा संगमनगरी के किनारे स्थित सभी धार्मिक स्थलों और सनातन परंपरा से संबंधित सभी परंपराएं शामिल की गई हैं। लोगो में शामिल अमृत कलश के मुख को भगवान विष्णु, गर्दन को रूद्र,आधार को ब्रह्मा, बीच के भाग को समस्त देवियों और अंदर के जल को संपूर्ण सागर का प्रतीक माना जाता है। चूंकि इस बार यह आयोजन प्रयागराज में हो रहा है तो प्रयागराज के सबसे धार्मिक महत्व वाले स्थल यानी तीनों नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती) की त्रिवेणी ‘संगम’ को भी महाकुंभ के लोगो में जगह दी गई है। इसमें ‘संगम’ की जीवंत सैटेलाइट छवि स्पष्ट रूप से नजर आएगी। ये नदियां जीवन रूपी जल के अनंत प्रवाह को दशार्ती हैं। महाकुम्भ मानव-जाति को पाप, पुण्य और अंधकार व प्रकाश का बोध कराता है।

 

यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस धार्मिक महाकुंभ को आर्थिक महाकुंभ के रूप में दिव्य, भव्य और नव्य तरीके से आयोजित करने का निर्देश दिया है और स्वयं समय-समय पर इसका निरीक्षण करते हैं। लोगो में शामिल कलश को आर्थिक समृद्धता के रूप में भी शामिल किया गया है।

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